रांची: केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ बुलाये गये भारत बंद का असर राजधानी रांची में नहीं रहा।
रांची जिला प्रशासन ने पुनदाग स्थित धरना प्रदर्शन स्थल को छोड़कर पूरे शहर में सुबह छह बजे से रात दस बजे तक निषेधाज्ञा लागू की है।
इसमें पांच या उससे अधिक लोगों के साथ एकत्र होने पर रोक लगा दी गई है।
पूरे शहर में कहीं भी धरना, प्रदर्शन और जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई हैं।
राज्य के अधिकांश जिलों में बंद का कोई असर नहीं है। आम दिनों की तरह बाजार की दुकानें खुली हैं। यात्री बसों से लेकर मालवाहक वाहनों का परिचालन सामान्य रूप से जारी है।
वहीं, माओवादियों द्वारा भारत बंद को समर्थन दिये जाने के कारण नक्सल प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में इसका मिलाजुला असर देखा जा रहा है।
किसानों के शुक्रवार को भारत बंद के मद्देनजर रांची सहित झारखंड में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं।
माओवादियों के बंद में शामिल होने से झारखंड पुलिस द्वारा विशेष सतर्कता बरती जा रही है। हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग और अन्य प्रमुख सड़कों पर मालवाहक और निजी वाहनों का परिचालन सामान्य है।
बंद को संगठित और असंगठित क्षेत्र से जुड़ी ट्रेड यूनियनों ने समर्थन दिया है, इस कारण खनन क्षेत्रों में उत्खनन, ढुलाई और परिवहन का काम प्रभावित होने की खबर है।
लेकिन व्यावसायिक संगठनों द्वारा बंद से खुद को अलग रखने के कारण दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे।
दूसरी तरफ झारखंड पुलिस मुख्यालय की ओर से नक्सल प्रभावित इलाकों और खासकर सीमावर्ती इलाकों में विशेष नजर रखी जा रही है।
सभी संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस गश्त लगातार जारी है। झारखंड पुलिस प्रवक्ता एडीजी अभियान आरके मल्लिक ने बताया कि अबतक कहीं से भी किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है।
दूसरी तरफ पलामू जिला मुख्यालय डालटनगंज के रेडमा चौक में बंद के समर्थन में उतरे लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया।
गिरिडीह जिले के राजधनवार चौक के निकट भाकपा-माले कार्यकर्त्ताओं ने एनएच को घंटों जाम रखा और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
बंद को वाम संगठनों से संबंद्ध विभिन्न श्रमिकों की ओर से समर्थन दिया गया था।
चतरा में किसान संगठनों के राष्ट्र व्यापी बंदी का कोई असर नहीं है। वाहनों का परिचालन और व्यवसायिक प्रतिष्ठान सामान्य दिनों की तरह खुले हुए हैं।
वामदल और ट्रेड युनियन ने किया विरोध प्रदर्शन
झारखंड में कृषि विरोधी तीन कानून, मजदूर विरोधी चार लेबर कोड और मोदी सरकार की राष्ट्र विरोधी नीतियों के खिलाफ संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर वामदलों और ट्रेड युनियनों ने रांची में विरोध प्रदर्शन किया।
राजधानी रांची में त्योहारों और करोना के प्रसार के चलते 12 घंटे के बंद की अवधि को छह घंटे कर दिया गया था।
शुक्रवार को 11 बजे वामदलों और ट्रेड यूनियन के कार्यकर्ताओं ने बंद के समर्थन में अल्बर्ट एक्का चौक पर जुलूस निकाल कर 12 बजे तक जाम किया।
वामदलों और ट्रेड युनियनों ने बंद को सफल बताया और इसके लिए झारखंड की जनता को बधाई दी।
इस जुलूस में मुख्य रूप से माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, माकपा सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव, सीपीआई के जिला सचिव अजय सिंह, माकपा की सुखनाथ लोहरा, माले के भूलेश्वर केवट, मासस के सुशांतो, राजद के वरीय उपाध्यक्ष राजेश यादव, एसयूसी आई के जूलियस, किसान नेता सुकरा उरांव, बंधन उरांव, टीपू उरांव, छुम्मु उरांव, भाकपा के श्यामल, लक्ष्मी सहित कई लोग शामिल थे।