रांची: फेडरेशन चैंबर के श्रम एवं मापतौल उप समिति की बैठक शुक्रवार को चैंबर भवन में हुई। बैठक में श्रम, मापतौल एवं ईएसआईसी से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा की गई।
हजारीबाग में ईएसआईसी अस्पताल के खोले जाने की पहल का स्वागत करते हुए सदस्यों ने कहा कि निजी अस्पतालों की तर्ज पर ईएसआईसी अस्पताल द्वारा टेस्टिंग के लिए विभिन्न लैब से टाईअप किया जाना भी जरूरी है। इससे अधिकाधिक लाभार्थी लाभान्वित होंगे।
इसी प्रकार ऐसे जिले जहां ईएसआईसी द्वारा अब तक उपचार की सुविधा उपलब्ध नहीं है। वहां इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने तथा 1000 से अधिक कर्मचारियों की संख्या वाले संस्थानों की सुविधा के लिए शहर के बीचों बीच डिस्पेंसरी एवं मेडिकल स्टोर (विशेषकर डाल्टनगंज और चाईबासा में) खोलने की पहल भी करनी चाहिए।
सदस्यों ने यह भी कहा कि ईएसआईसी की योजनाओं का लाभ मिल सके, इसके लिए निगम द्वारा नियमित रूप से जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से लाभार्थियों को योजनाओं की जानकारी देनी चाहिए।
पश्चिम सिंहभूम जिले में मापतौल पदाधिकारी के नहीं होने से जिले के व्यापारियों की कठिनाई को देखते हुए श्रम एवं मापतौल उप समिति चेयरमेन प्रमोद सारस्वत ने इस मामले में विभागीय सामंजस्य बनाकर कार्रवाई के लिए आश्वस्त किया। बैठक के दौरान श्रम सुधार से संबंधित मुद्दों पर भी वार्ता की गई।
यह सुझाया गया कि लाईसेंस प्राप्त करने की ऑनलाईन व्यवस्था में मानवीय हस्तक्षेप को दूर किया जाना जरूरी है। वर्तमान में सरकार की ईच्छा शक्ति के बावजूद भी लाइसेंस के आवेदनों के निपटारे में विलंब किया जाता है।
सदस्यों ने यह भी कहा कि ई-श्रम पोर्टल पर श्रमिकों का निबंधन चल रहा है जिस क्रम में मनरेगा कर्मियों, ठेले, खोमचा आदि से जुडे श्रमिक बंधु स्वयं को निबंधित करा रहे हैं।
इस कार्य में सरकार फेलिसिटेटर की भूमिका में है। इस कार्य में प्रज्ञा केंद्रों का समुचित उपयोग करने के लिए आवश्यक निर्देश की आवश्यकता है ताकि श्रमिक अपने दस्तावेज लेकर जायें और उनका त्वरित निबंधन हो सके।
प्रज्ञा केंद्र के उपयोग से अधिकाधिक श्रमिकों का निबंधन सुगमतापूर्वक कराया जा सकता है। बैठक में चैंबर अध्यक्ष धीरज तनेजा, उपाध्यक्ष दीनदयाल बरनवाल, महासचिव राहुल मारू, कार्यकारिणी सदस्य किशोर मंत्री, अमित शर्मा आदि मौजूद थे।