रांची: कोर्ट फीस (Court Fees) को लेकर राज्य के वकीलों का आंदोलन (Lawyers Protest) जारी है। सोमवार को भी वकीलों ने न्यायिक कार्य नहीं किया।
अदालत में केस फाइल (Case File) नहीं हो रहे हैं। वकीलों के इस आंदोलन का अधिवक्ता लिपिक संघ ने भी समर्थन दिया है और केस दाखिल नहीं कर रहे हैं।
रांची सिविल कोर्ट में एक भी केस नहीं हुए फाइल
बता दें कि रांची सिविल कोर्ट (Ranchi Civil Court) में छह जनवरी से आज तक एक भी केस फाइल नहीं किए गए। वहीं झारखंड हाईकोर्ट में सरकारी वकीलों के न्यायिक कार्य करने के कारण करीब अब तक चार-पांच केस दाखिल किए गए हैं।
जबकि हाईकोर्ट और रांची सिविल कोर्ट में हर दिन औसतन 250 केस फाइल किए जाते हैं। छह जनवरी से रांची सिविल कोर्ट में एक भी केस फाइल नहीं हुए हैं, जबकि High Court में छह केस फाइल हुए हैं।
सरकारी वकीलों ने किया न्यायिक कार्य
सोमवार को भी हाईकोर्ट समेत सभी जिला न्यायालयों में वकीलों की संख्या कम रही। जिला अदालतों में सरकारी वकील भी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे हैं।
सभी बार कौंसिल के निर्णय के साथ हैं। High Court में सोमवार को भी सरकारी वकीलों ने न्यायिक कार्य किया।
अनिश्चितकालीन न्यायिक कार्य नहीं करने की घोषणा
बता दें कि झारखंड बार कौंसिल (Jharkhand Bar Council) कोर्ट फीस, अधिवक्ता सुरक्षा कानून, वकीलों की कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजटीय प्रावधान करने की मांग सरकार से कर रहा है।
इसके लिए बार कौंसिल ने छह जनवरी से अनिश्चितकालीन न्यायिक कार्य नहीं करने की घोषणा की है। सात जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ने वकीलों के लिए कई घोषणाएं की थीं। मंगलवार को बार कौंसिल की बैठक होगी, इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।