रांची: 34वें राष्ट्रीय खेल घोटाले के आरोपित नेशनल गेम्स आर्गनाइजिंग कमेटी के कोषाध्यक्ष मधुकांत पाठक की ओर से दाखिल डिस्चार्ज याचिका पर सुनवाई हुई।
सुनवाई के बाद एसीबी के विशेष न्यायाधीश प्रकाश झा की अदालत ने उनकी याचिका खारिज कर दी। अब जल्द ही मधुकांत पाठक के खिलाफ आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई होगी।
सात जून 2018 को कोर्ट में किया था सरेंडर
उनकी ओर से इस मामले से आरोप मुक्त करने को लेकर याचिका दाखिल की गई थी। इसपर तीन जनवरी को सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया था।
एसीबी के विशेष लोक अभियोजक एके गुप्ता ने उनकी याचिका का विरोध किया था। मधुकांत पाठक ने इस मामले में सात जून 2018 को कोर्ट में सरेंडर किया था। जेल जाने के बाद फिलहाल वे जमानत पर चल रहे हैं।
बिना टेंडर के आस्ट्रेलिया की कंपनी से बॉल की खरीदारी की
मधुकांत पाठक को लान बॉल की खरीदारी के लिए अधिकृत किया गया था। उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए बिना टेंडर के आस्ट्रेलिया की कंपनी से बाल की खरीदारी की।
इसके लिए दो लाख 34 हजार रुपये का भुगतान किया गया। राष्ट्रीय खेल घोटाले की जांच कर रही है एसीबी जांच के दौरान पता चला कि बोर्ड के अनुमोदन के बिना उन्होंने 32 लाख के गोदरेज का फर्नीचर खरीदा।
उल्लेखनीय है कि 28.34 करोड़ रुपये की राष्ट्रीय खेल घोटाले की जांच एसीबी कर रही है।