रांची : केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ राजभवन के समक्ष 26 से 28 नवम्बर तक महापड़ाव रहेगा। यह कार्यक्रम INTUC, AITUC, CITU, ACTU, HMS, UTC, अखिल भारतीय किसान महासभा, अखिल भारतीय किसान सभा (All India Kisan Sabha) ने संयुक्त रूप से आयोजित किया है।
मजदूर संगठनों के नेताओं ने शुक्रवार को संयुक्त संवाददाता सम्मेलन (Joint Press Conference) में कहा कि राजभवन के समक्ष महापड़ाव के तीनों दिन पूरे राज्य से इन संगठनों के करीब पांच-पांच हजार कार्यकर्ता भाग लेंगे।
कार्यक्रम को कई राष्ट्रीय नेता भी संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम देशव्यापी है। कार्यक्रम को लेकर झारखंड में भी प्रचार कार्यक्रम जोरों से चल रहे हैं।
राज्य, प्रमंडल एवं जिला स्तर पर भी मजदूर किसान संगठनों की समन्वय समिति की ओर से कार्यकर्ताओं की बैठक, पर्चा वितरण, पोस्टरिंग, नुक्कड़ सभा, जत्था और पदयात्रा आदि का आयोजन कर सघन जनसंपर्क कार्यक्रम चलाया जा रहा है।
संवाददाता सम्मेलन में अशोक यादव, संजीव सिन्हा, शुभेंदु सेन, अनिर्बान बोस, प्रतीक मिश्रा, महेंद्र पाठक, अजय सिंह, बिरेंद्र कुमार, एमएल सिंह मौजूद थे।
ये हैं प्रमुख मुद्दे
-महंगाई, GST और उत्पाद शुल्क।
-सभी के लिए रोजगार, खाद्य सुरक्षा, आवास, स्वास्थ्य, पानी एवं बिजली।
-सब्सिडी में कटौती और कॉरपोरेट को राहत वाली नीति।
-राष्ट्रीय संपदा एवं सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण और मजदूर विरोधी चार लेबर कोड।
-हर काम का उचित दाम, कानूनी MSP पर कृषि उपज की खरीद।
-अमीरों और कॉर्पोरेट पर अधिक कर तथा आम जनता को राहत।
उल्लेखनीय है कि नई दिल्ली में 24 अगस्त को तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित मजदूरों-किसानों के अखिल भारतीय संयुक्त सम्मेलन (All India Joint Conference) से हुई घोषणा के बाद यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।