रांची: राजधानी रांची के मेदांता हॉस्पिटल में स्वास्थ्य कर्मियों ने मंगलवार की सुबह उस समय कार्य बहिष्कार कर दिया, जब एक कर्मचारी के परिजन की मौत हो गई।
इससे खफा अस्पताल के विभिन्न विभागों के कर्मचारी परिसर में जमकर हंगामा कर रहे हैं।
इनका कहना है कि वे जिस अस्पताल में काम कर रहे हैं, जरूरत पड़ने पर वहीं उनके परिजन को बेड नहीं मिल रही है और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ रही है। ऐसे में काम करने का क्या फायदा है।
अस्पताल प्रबंधन ने लगाए गंभीर आरोप
जानकारी के अनुसार, सोमवार देर रात एक कर्मचारी के परिजन की मौत हो गई।
वहीं, कई की स्थिति गंभीर बनी हुई है। इधर, अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि चंद लोग पैसा लेकर बेड बेचने की साजिश कर रहे थे। जब उन्हें रोका गया तो झूठा बहाना बनाकर हंगामा कर रहे हैं।
जान बचाने वाले की ही चिंता नहीं
जबकि अस्पताल के कर्मचारियों ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हम लोग अपने घर-परिवार को छोड़कर दिन-रात लोगों की जान बचाने में लगे हुए हैं।
हमारे परिजनों के संक्रमित होने के बाद भी उन्हें अस्पताल में जगह नहीं मिल रही है, जिसका खामियाजा जान गंवाकर भुगतना पड़ा है। हमारे अस्पताल के एक कर्मी के परिजन की मौत भी हो गई है।
अस्पताल प्रबंधन का अपने कर्मचारियों के प्रति रवैया ठीक नहीं है।
हम इलाज करेंगे, बेड बेचने नहीं देंगे
हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. मुख्तार ने बताया कि आरोप बेबुनियाद है। अभी भी आइसीयू हाउसकीपिंग के कर्मचारी के भाई का इलाज चल रहा है। नर्स की परिजन का इलाज चल रहा है।
हर जरूरतमंद के साथ अस्पताल खड़ा है। हम इलाज करेंगे लेकिन इस आपदा की घड़ी को अवसर में बदलने की इजाजत किसी को नहीं देंगे।
हर मरीज को यहां बेड डॉक्टर की सलाह पर ही दी जाएगी। बेड बेचने की आजादी किसी को नहीं दी जाएगी।
पुलिस से दो टूक
हंगामे की सूचना मिलते ही मेदांता अस्पताल में स्थानीय ओरमांझी थाना की पुलिस और हुटुप टीओपी की पुलिस भी पहुंची है।
पुलिस कर्मियों को भी मेदांता कर्मियों का आक्रोश झेलना पड़ा। लोगों ने कहा कि यह हमारा मामला है।
इसमें पुलिस को हस्तक्षेप करने की जरूरत नहीं है।