रांची : झारखंड हाई कोर्ट में बुधवार को अगस्त 2022 में सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) को प्लेन से दिल्ली जाने के क्रम में देवघर में रोकने के खिलाफ दिल्ली में जीरो FIR दर्ज को निरस्त करने को लेकर देवघर के तत्कालीन उपायुक्त मंजूनाथ (वर्तमान में उपायुक्त जमशेदपुर) की याचिका की आंशिक सुनवाई हुई।
मामले में कोर्ट ने राज्य सरकार एवं प्रतिवादी निशिकांत दुबे को जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया।
अगली सुनवाई 20 दिसंबर तक जारी
पिछली सुनवाई में ही कोर्ट ने इन दोनों को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था लेकिन इनका जवाब दाखिल नहीं हो सका है। न्यायाधीश अनिल कुमार चौधरी की कोर्ट ने मामले की सुनवाई की।
कोर्ट ने याचिकाकर्ता मंजूनाथ के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक अगली सुनवाई 20 दिसंबर तक जारी रखी है। प्रतिवादी निशिकांत दुबे की ओर से पार्थ जालान और अमित सिन्हा ने पैरवी की।
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट में निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया कि 31 अगस्त, 2022 को शाम में जब वह प्लेन से दिल्ली जा रहे थे तब तत्कालीन देवघर उपायुक्त मंजूनाथ (Manjunath) के कहने पर सुरक्षाकर्मियों ने देवघर एयरपोर्ट पर उन्हें रोका और जान से मारने की धमकी भी दी। उनके सरकारी कार्य में बाधा डालने का भी निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है।