रांची: झारखंड सरकार और गेल इंडिया लिमिटेड ने राजधानी रांची को स्वच्छ तथा सुंदर बनाने के उदेश्य से रांची को एक बड़ी सौगात दी है।
गुरुवार को विधानसभा परिसर स्थित मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कार्यालय कक्ष में मुख्यमंत्री के समक्ष गेल इंडिया लिमिटेड और रांची नगर निगम के बीच कचरा से गैस उत्पादन के लिए कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट के निर्माण को लेकर एमओयू MOU साइन किया गया।
गेल इंडिया की ओर से कार्यकारी निदेशक केबी सिंह और रांची के नगर आयुक्त मुकेश कुमार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया। इस मौके पर हेमंत सोरेन ने गेल इंडिया लिमिटेड और रांची नगर निगम को बधाई भी दी।
विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे ने भी नगर निगम और गेल इंडिया के अधिकारियों को बधाई देते हुए जल्द इस दिशा में कार्य शुरु करने का निर्देश दिया।
रांची में प्रतिदिन 300 टन ऑर्गेनिक कचरा का प्रोसेसिंग कर करीब दस टन प्रतिदिन कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। गेल इंडिया लिमिटेड इसके लिए 150-150 टन के दो प्लांट लगाएगा।
प्रथम चरण में एक प्लांट लगाया जाएगा जिसके निर्माण में करीब दो साल का समय लग सकता है।
इसके लिए रांची नगर निगम झिरी में आठ एकड़ जमीन गेल इंडिया लिमिटेड को उपलब्ध करा रहा है जबकि दूसरे फेज में अगर जरुरत पड़ी तो नगर निगम अतिरिक्त जमीन का भी व्यवस्था करेगा।
इस प्लांट में क्या कुछ होगा खास
गेल इंडिया लिमिटेड रांची में दो चरणों में 300 मिट्रीक टन/प्रतिदिन का ऑर्गेनिक अपशिष्ट प्रसंस्करण प्लांट लगाएगा। पहले चरण में 150 टन क्षमता वाला ऑर्गेनिक अपशिष्ट प्रसंस्करण प्लांट का निर्माण होगा।
एक प्लांट एक दिन में 5 टन कंप्रेस्ड बायोगैस का उत्पादन करेगा। प्लांट की उम्र सीमा 15 साल की होगी। प्लांट के लिए जरूरी आठ एकड़ जमीन रांची नगर निगम लीज रेंट पर गेल इंडिया लिमिटेड को उपलब्ध कराएगा।
प्लांट के निर्माण में आनेवाला खर्च करीब 28.19 करोड़ रुपये होगा जो कि गेल इंडिया खर्च करेगा। शहर के अंदर और शहर के बाहरी क्षेत्र में दो गैस फिलिंग प्लांट का निर्माण भी होगा।
इस व्यवस्था के लागू होने के बाद रांची नगर निगम द्वारा कचरे के प्रसंस्करण पर किए जा रहे खर्च से सलाना 81 करोड़ रुपया बचा सकेगा।
दो आउटलेट के लिए 3600 वर्ग मीटर का एक प्लॉट शहर में और दूसरा शहर से बाहर नगर निगम उपलब्ध कराएगा।
गेल इंडिया लिमिटेड अपने आमदनी का दस प्रतिशत हिस्सा नगर निगम को देगा जिससे कचरे के ट्रांसपोरटेशन में मदद मिलेगी।
रांची नगर निगम अपशिष्ट प्रसंस्करण के मामले में कार्बन क्रेडिट्स का दावा कर सकेगा। वैज्ञानिक तरीके से होने वाले प्रसंस्करण के कारण कचरा से उत्पन्न होने वाले प्रदूषण स्तर में कमी आएगी।
इस अवसर पर मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, नगर विकास एवं आवास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे,राज्य शहरी विकास अभिकरण के निदेशक अमित कुमार, रांची के नगर आयुक्त मुकेश कुमार, गेल इंडिया लिमिटेड की ओर से भारत सरकार में संयुक्त सचिव आशीष चटर्जी आदि मौजूद थे।