रांची: केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राने ने शुक्रवार को लोकसभा में रांची के सांसद संजय सेठ के सवाल का जवाब दिया।
सेठ ने लोकसभा में यह जानना चाहा था कि रांची लोकसभा क्षेत्र सहित पूरे झारखंड में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के द्वारा कितनी पर योजनाओं का संचालन किया गया है।
कितने लोगों को इसका लाभ मिला है और इसे प्रोत्साहित करने के लिए सरकार के द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं। सेठ ने झारखंड में चल रही परियोजनाएं, संस्थानों एवं उससे लाभान्वित हुए लोगों की संख्या भी सरकार से मांगी थी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रांची सहित पूरे झारखंड में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के द्वारा स्वरोजगार को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम, स्फूर्ति, खादी विकास योजना, ग्राम उद्योग विकास योजना सहित कई कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है ताकि स्वरोजगार के क्षेत्र में अधिक से अधिक लोगों को प्रोत्साहन मिल सके।
मंत्री ने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय के द्वारा झारखंड में खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग सहित कई अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से स्वरोजगार का सृजन किया जा रहा है।
वर्तमान समय में प्रधानमंत्री स्वरोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत रांची में बीते एक दशक में 2141 प्रोजेक्ट पर काम हुए, जिसमें 4697 लाख रुपये खर्च हुआ। इस परियोजना के माध्यम से 17128 लोगों को स्वरोजगार दिया गया है।
2018-19 में कुंभार सशक्तिकरण प्रोग्राम चलाया गया, जिसके माध्यम से 20 कुंभकारों को प्रशिक्षण दिया गया और अब वह इसका लाभ उठा रहे हैं।
मधु मिशन के माध्यम से भी 25 मधुमक्खी पालको को प्रशिक्षण देकर उन्हें इसका लाभ दिया गया और आज वह भी मधुमक्खी पालन करके अपना रोजगार चला रहे हैं।
रांची में ही अनगड़ा में इमली प्रसंस्करण उद्योग को लेकर छह स्वयं सहायता समूह से जुड़े 60 लोगों को प्रशिक्षण दिया गया और उन्हें इसके लिए तैयार किया गया।
इसके अतिरिक्त खादी से जुड़े 383 आर्टिजंस को प्रशिक्षण देकर उन्हें स्वरोजगार के लिए तैयार किया गया। केंद्रीय मंत्री ने सदन में बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत जनवरी 2022 तक झारखंड के आकांक्षी जिलों सहित सभी जिलों में 21287 प्रोजेक्ट का संचालन किया गया, जिसमें लगभग 410 करोड रुपए खर्च हुए।
पीतल तांबा कलस्टर हजारीबाग में 832 लोगों को प्रशिक्षण देने का प्रस्ताव अभी लंबित है। इस पर शीघ्र ही कार्य होगा। इसके अतिरिक्त सियेकी स्कीम के तहत 87 लोग लाभान्वित हुए हैं।
खादी संस्थानों के माध्यम से 3376 निबंधित आर्टिजंस को लाभ दिया गया। इसके अतिरिक्त 906 ऐसे ग्रामीण एवं नागरिकों को प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार के लिए तैयार करने का काम किया गया है। इसके अलावा उन्होंने कई तरह की अन्य जानकारी भी दी।