रांची: झारखंड में लगातार नक्सलियों और उग्रवादियों के खिलाफ चलाए जा रहे पुलिस अभियान की वजह से प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) दम तोड़ने के कगार पर है।
पिछले एक साल के दौरान चतरा में एसपी राकेश रंजन के नेतृत्व में पुलिस की टीम ने कुल 63 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है। इनमें सबसे अधिक 44 टीपीसी के उग्रवादी शामिल हैं।
इसके अलावा भाकपा माओवादी की टीम और अलग-अलग उग्रवादी संगठन के 16 उग्रवादी गिरफ्तार किए गए है।
सरकार की सरेंडर नीति से प्रभावित होकर 15 लाख के इनामी मुकेश गंझू सहित चार बड़े उग्रवादियों ने सरेंडर किया है।
37 हथियार और 3918 गोली बरामद
पुलिस मुख्यालय के अनुसार पिछले एक वर्ष के दौरान चतरा जिला में पुलिस ने 37 हथियार और 3918 राउंड गोली बरामद किया है।
इसके अलावा टीपीसी के साथ तीन मुठभेड़ हुआ और एक टीपीसी का कैंप ध्वस्त किया गया। पुलिस ने टीपीसी उग्रवादी संगठन के 15 वॉकी टॉकी बरामद किया। इसके अलावा पुलिस ने 1219 अपराधियों को भी गिरफ्तार किया।
चतरा और हजारीबाग में भाकपा माओवादी की पकड़ बहुत ज्यादा थी। प्रतिद्वंदी टीपीसी की वजह से भाकपा माओवादी कमजोर पड़ गयी थी।
हाल के कुछ महीनों में टीपीसी के कई बड़े उग्रवादियों के पकड़े और सरेंडर किए जाने से संगठन को बड़ा झटका लगा है।
लगातार पुलिस अभियान से खात्मे के कगार पर है। साथ ही इस संगठन के कई उग्रवादी पकड़े गये और कई हाल के दिनों में मारे भी गये हैं।
इससे टीपीसी की गढ़ माने जाने वाले हजारीबाग और चतरा में संगठन पूरी तरह से कमजोर हो गया है।