रांची: समान नागरिक संहिता (UCC) और मध्य प्रदेश में हुई पेशाब की घटना (Urination Event) के विरोध में आदिवासी मूलवासी संगठनों (Aboriginal Indigenous Organizations) के सैकड़ों लोगों ने शनिवार को प्रदर्शन किया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने केंद्र की भाजपा सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। साथ ही बाबूलाल मरांडी (Babulal Marandi) इस्तीफा दो, आदिवासियों पर शोषण (Exploitation Of Tribals) करना बंद करो जैसे नारे लगाये।
इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी है। लगभग एक घंटे तक स्कूल बसें (School Buses) सहित कई वाहन जाम में फंसे रहे।
आदिवासी जनपरिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा (Prem Shahi Munda) ने कहा कि देश में समान नागरिक संहिता कानून नहीं चलेगा। क्योंकि, आदिवासी समाज के पास पहले से ही अपना संवैधानिक कानून है।
भाजपा समर्थक ने आदिवासी युवक पर पेशाब किया
रूढ़िवादी परंपरा है। राज्य में CNT और SPT एक्ट कानून लागू है। UCC लागू होने से आदिवासियों के कानून रद्द हो जायेंगे। इसलिए आदिवासी संगठन इसका विरोध करता है।
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की (President Ajay Tirkey) ने कहा कि मध्य प्रदेश में भाजपा समर्थक ने आदिवासी युवक पर पेशाब किया। इससे आदिवासी समाज काफी हताहत है।
आसपास के क्षेत्रों में तैनाती की गई
आदिवासी समाज के बच्चों के साथ भाजपा सरकार के समर्थक हर दिन कुकर्म करते हैं। पुलिस ने बैरिकेडिंग कर प्रदर्शनकारियों (Barricading Protesters ) को भाजपा कार्यालय के समीप पहुंचने से पहले रोका। सभी हरमू मैदान से जमा होकर भाजपा कार्यालय जा रहे थे।
आदिवासी संगठनों (Tribal Organizations) के घेराव के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। प्रदेश भाजपा कार्यालय की सुरक्षा बढ़ा दी गयी थी। लगभग 200 से अधिक पुलिस बल को कार्यालय परिसर और आसपास के क्षेत्रों में तैनाती की गई थी।
आदिवासी मूलवासी संगठनों के कई लोग शामिल
भाजपा कार्यालय (BJP Office) के बाहर हटिया DSP राजा कुमार मित्रा, थाना प्रभारी बृज कुमार के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी भी डटे हुए थे।
प्रदर्शन में लक्ष्मी नारायण मुंडा, विजय शंकर नायक, विश्राम लकड़ा, सुजित तिर्की, कुमुदनी केरकेट्टा, नुसी मिंज, शहजाद इतरीसी, इरफान खान, अफजल खान, जुनैद कुरैशी अंसारी सहित आदिवासी मूलवासी संगठनों (Aboriginal Indigenous Organizations) के कई लोग शामिल थे।