रांची: झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड ट्राइब्स एडवाइजरी काउंसिल (टीएसी) के गठन को मंजूरी दे दी है।
इस संबंध में अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
कमिटी में पदेन उपाध्यक्ष अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति मंत्री चंपई सोरेन को बनाया गया है। 19 सदस्यीय समिति में मुख्यमंत्री, मंत्री समेत 17 विधायक और दो मनोनीत सदस्य हैं।
टीएसी के सदस्य
विधायक स्टीफन मरांडी, नीलकंठ सिंह मुंडा, बाबूलाल मरांडी, बंधु तिर्की, सीता सोरेन, दीपक बिरुआ, चमरा लिंडा, सुखराम उरांव, दशरथ गगराई, विकास कुमार मुंडा, विक्सल कोंगाड़ी, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकु को सदस्य बनाया गया है।
अनुसूचित जाति से मनोनीत विश्वनाथ सिंह सरदार और अनुसूचित जनजाति से मनोनीत जबल मुंडा को सदस्य बनाया गया है। विभाग के प्रधान सचिव इसके सचिव होंगे।
टीएसी कैसे करेगा काम
अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव या सचिव झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल के सचिव होंगे।
इसके अलावा झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल और उनके सदस्यों का कार्यकाल झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल नियमावली 2021 के प्रावधानों के मुताबिक होगा।
झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की ओर से कार्यों का निष्पादन झारखंड ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल नियमावली 2021 के प्रावधान के अनुरूप किया जायेगा। इस पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त है।
उल्लेखनीय है कि झारखंड ट्राइब्स एडवाइजरी काउंसिल के गठन को लेकर सरकार और राजभवन के बीच बात नहीं बन रही थी।
पिछले दिनों सरकार की तरफ से टीएसी के गठन में राजभवन की भूमिका को खत्म करते हुए नई नियमावली बनाई थी।
सात जून को ही नई नियमावली के संबंध में गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया था।
तब से टीएसी के सदस्यों के मनोनयन का अधिकार मुख्यमंत्री के पास चला गया, जबकि पूर्व में सदस्यों के मनोनयन के लिए राजभवन की स्वीकृति जरूरी थी।