रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुझाव दिया है।
उन्होंने कहा है कि पीएम केयर से झारखंड को कोरोना काल में 574 वेटिंलेटर मिलने और इनका वितरण कर दिये जाने की जानकारी है।
कहने के लिये इनमें से अधिकांश का इंस्टॉलेशन भी दिखला दिया गया है लेकिन वास्तव में यह दिखावे का आँकड़ा है।
साथ ही कहा है कि इनमें से इक्का-दुक्का नामचीन जगहों को छोड़कर अधिकांश जगहों पर या तो वास्तव में वेंटिलेटर इंस्टॉल हुए नहीं और अगर कहीं हुए भी तो विभिन्न तकनीकी कारणों से उपयोग में नहीं लाये जा सके।
उन्होंने सुझाव दिया है कि वर्तमान कोरोना काल में आईसीयू, वेंटिलेटर वाले सुविधा युक्त बेड्स की ज़रूरत है, जिसकी कमी के चलते अफ़रा-तफ़री मची हुई है।
उन्होंने कहा है कि आपकी प्राथमिकता जितना कम समय में हो सके आईसीयू और वेंटिलेटर वाले बेड्स को बढ़ाकर ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की जान बचाने के प्रयास की होनी चाहिये न कि खुद घूम-घूमकर आक्सीजन रिफिल केन्द्र का मुआयना करने की।
यह काम औरों को करने दीजिये और आप जीवन रक्षक बेड की चिंता करिये।
राजधानी रांची में रिम्स, सदर अस्पताल के साथ जो चार-पाँच प्रमुख प्राइवेट अस्पताल हैं जहां कम से कम समय में जीवन रक्षक बेड युक्त सुविधा बनाकर लोगों को दिलायी जा सकती है, इस काम पर फ़ोकस करिये।
यत्र-तत्र बेकार पड़े वेंटिलेटर जो वैसे जगहों पर अभी चलवाये ही नहीं जा सकते उन्हें शोभा की वस्तु मत बनाइये। मंगवाईये और जहां कहीं भी उसे उपयोगी बनाया ज़ा सके वहाँ शुरू कराईये।
उन्होंने कहा कि वह मानते हैं कि देवदूत की तरह काम कर रहे सरकारी- ग़ैर सरकारी जीवन रक्षक मेडिकलकर्मी योद्धाओं पर कई गुणा दिन-रात काम के तनाव का भारी दबाव है।
उन्हें भरोसे में लीजिये, उनकी पीड़ा समझिए, हौसला बढ़ाइए। वहीं, भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी मुख्यमंत्री का सुझाव दिया है।