काबुल: अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति वार्ता फिर से शुरू किए जाने की अपीलों के बीच देश में तीन दिवसीय संघर्ष विराम रविवार को समाप्त हो गया है।
हालांकि, इन तीन दिनों में भी कई हिंसक घटनाएं हुईं, जिनमें से कुछ की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह ने ली है।
संघर्ष विराम खत्म होने के बाद देश में एक बार फिर खूनी खेल शुरू होने का खतरा पैदा हो गया है।
तालिबान के राजनीतिक प्रवक्ता सुहेल शाहीन ने बताया कि अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच कतर में एक संक्षिप्त बैठक हुई है।
उन्होंने युद्ध को शांतिपूर्ण ढंग से समाप्त करने का रास्ता खोजने की प्रतिबद्धता दोहराई और बाधित वार्ताओं को फिर से शुरू करने की अपील की।
अफगानिस्तान में 20 साल की जंग के बाद अमेरिका और नाटो सैनिकों की वापसी शुरू होने के बीच हिंसक घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।
अमेरिका, अफगानिस्तान और तालिबान के बीच बातचीत फिर शुरू करने पर जोर दे रहा है।
तालिबान और अफगानिस्तान सरकार ने ईद-उल-फितर के मद्देनजर तीन दिन के संघर्षविराम की घोषणा की थी, लेकिन इस दौरान भी देश में हिंसा जारी रही।
अफगानिस्तान के उत्तरी काबुल में गत शुक्रवार को जुमे की नमाज के समय एक मस्जिद में हुए विस्फोट में 12 लोगों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए।
मस्जिद के इमाम मुफ्ती नईमन की भी हमले में मौत हो गई। अब तक किसी ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
आईएस ने इससे पहले सप्ताहांत में कई बिजली घरों को निशाना बनाकर किए गए हमलों की जिम्मेदारी ली।
इन हमलों के कारण काबुल समेत नौ प्रांतों में विद्युत आपूर्ति बाधित रही।
अब तक सैकड़ों लोग ताजा हिंसा में अपनी जान गंवा चुके हैं।