Ranchi Hemant Soren : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ED के भेजे गये छह समन पर जवाबी पत्र भेजा लेकिन वह एजेंसी के समन को नजर अंदाज कर पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए।
ED अब हेमंत सोरेन के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट और कार्रवाई के विकल्पों पर विचार कर रही है। एजेंसी अब हेमंत सोरेन के खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी कराने और उनकी गिरफ्तारी के विकल्पों पर विधि विशेषज्ञों (Legal Experts) से परामर्श कर रही है।
जमीन घोटाले की जांच कर रही ED ने सोरेन को पहली बार समन जारी कर 14 अगस्त को बुलाया गया था। इसके बाद उन्हें 24 अगस्त, नौ सितंबर, 23 सितंबर, 26 सितंबर, 4 अक्टूबर और छठी बार 12 दिसंबर को हाजिर होने का समन भेजा गया।
सोरेन इनमें से किसी समन पर हाजिर नहीं हुए। सोरेन को आखिरी समन बीते 10 दिसंबर को जारी किया था और उन्हें 12 दिसंबर को एजेंसी के रांची स्थित जोनल ऑफिस में दिन के 11 बजे उपस्थित होने को कहा था।
सोरेन के ED के दफ्तर पहुंचने की संभावना को लेकर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गये थे। पूरे दिन ED दफ्तर के बाहर गहमागहमी रही लेकिन सोरेन हाजिर नहीं हुए। वह दोपहर तीन बजे ED के दफ्तर के ठीक सामने से गुजरते हुए रांची एयरपोर्ट चले गये और वहां से हेलीकॉप्टर के जरिये दुमका के लिए रवाना हो गये, जहां उन्हें सरकार आपके द्वार कार्यक्रम में उपस्थित होना था।
ED जिस जमीन घोटाले में CM से पूछताछ करना चाहती है, उस मामले में रांची के पूर्व डीसी आईएएस छवि रंजन (DC IAS Chhavi Ranjan) सहित कुल 14 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
यह घोटाला दक्षिणी छोटानागपुर के तत्कालीन आयुक्त नितिन मदन कुलकर्णी की एक जांच रिपोर्ट से सामने आया था और इसी के आधार पर ED ने जांच शुरू की थी। मामला सेना के कब्जे वाली जमीन की खरीद-बिक्री से जुड़ा है।
ECIR दर्ज करके जांच शुरू
रिपोर्ट में कहा गया था कि फर्जी नाम-पता के आधार पर झारखंड में सेना की जमीन की खरीद-बिक्री हुई है। इस सिलसिले में रांची नगर निगम ने प्राथमिकी दर्ज करवाई थी। ED ने उसी प्राथमिकी के आधार पर ECIR दर्ज करके जांच शुरू की थी।
ED की ओर से भेजे जा रहे समन को मुख्यमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उनकी याचिका सुने बगैर हाई कोर्ट जाने को कहा था। इसके बाद उन्होंने झारखंड हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर ED के समन को निरस्त करने का आग्रह किया लेकिन यहां चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र और जस्टिस आनंद सेन की खंडपीठ ने बीते 13 अक्टूबर को उनकी खारिज करते हुए समन पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान ED की ओर से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल SV Raju ने अपनी दलील में कहा था कि मुख्यमंत्री ने समन का पहले ही उल्लंघन किया है। वे ED के किसी भी समन पर उपस्थित नहीं हुए।
ऐसे में उनका समन को चुनौती देने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए उन्हें राहत नहीं दी जा सकती है। ED से मिली जानकारी के मुताबिक, अदालत से याचिका खारिज होने के बाद सोरेन के पास पूछताछ के लिए उपस्थित न होने के कानूनी विकल्प भी नहीं हैं।
एजेंसी अब सोरेन के खिलाफ जांच में असहयोग का हवाला देते हुए उनकी गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से वारंट जारी करवा सकती है। ED के मुख्यालय में भी इस बात पर विचार चल रहा है।