रांची : मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) ऐतहासिक मुड़मा जतरा के समापन कार्यक्रम ( Mudma Jatra Closing Program) में शामिल हुए। राउरे मन के जोहार से उन्होंने उपस्थित जन को संबोधित करना शुरू किया।
आदिवासी संस्कृति का समागम स्थल
CM ने कहा कि मुड़मा मेला अपने आप में ताकत बन चुका है। मुड़मा मेला (Mudma Fair) आदिवासी संस्कृति का समागम स्थल है। आदिवासी समाज को दुनिया आदिमानव के रूप में देखती है।
इस समाज में लोग खुशहाल रहते हैं। ढोल- नगाड़ा बजाते हैं तो आदिवासी समाज पर गर्व महसूस होता है। आज राज्य का विदेश में भी चर्चा होती है।
देश की हॉकी टीम में झारखंड की बेटियां
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की हॉकी टीम में झारखंड के बेटियों खेल रही हैं। राज्य बनने के बाद पहली सरकार है, जिसने खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति देने का काम किया है।
राज्य खनिज संपदा से भरा है। राज्य के कोयला से पूरा देश उजाला हो रहा है। हमें अलग राज्य लड़ाई से मिली है। इसे बचाने के लिए सबको शिक्षित करना होगा। प्राइमरी स्कूल को उच्च स्तरीय बनाना है।
यह शक्ति स्थल आदिवासियों के लिए सुप्रीम कोर्ट : बंधु तिर्की
पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने कहा कि यह शक्ति स्थल आदिवासियों के लिए सुप्रीम कोर्ट है। पेसा कानून नियमावली को मान्यता देने की जरूरत है।
इसी कानून के साथ राज्य के विभिन्न जतरा, पर्व- त्योहार को मान्यता मिलेगी। पेसा कानून से ही ग्राम सभा को मजबूती मिलेगी। हमें अपनी संस्कृति, सभ्यता व धर्म को बचाना होगा।
मेला में शामिल हुए 40 पढ़ के विभिन्न आदिवासी समाज
दो दिवसीय झारखंड का ऐतिहासिक राजकीय मुड़मा जतरा मंगलवार को रंगारंग कार्यक्रम के साथ संपन्न हुआ. इस जतरा में झारखंड के अलावे देश-विदेश के भी लोग शामिल हुए
. जतरा में 40 पड़हा के विभिन्न आदिवासी समाज अपने-अपने प्रतीक चिन्ह के साथ शामिल हुए। जतरा में सबसे पहले लुंडरी पड़हा के खोड़हा शामिल हुए।
इनकी रही मौजूदगी
मेले में ऐतिहासिक राजी पड़हा जतरा समिति (Raji Padha Jatra Committee) के मुख्य संयोजक धर्म गुरु बंधन तिग्गा, अध्यक्ष जयराम उरांव, महासचिव विद्यासागर केरकेट्टा, राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय पाहन, भगवान बिरसा मुंडा के पोता सुखराम मुंडा, गया मुंडा के पोता गमय मुंडा , झारखंड प्रदेश अध्यक्ष रवि तिग्गा, ओड़िशा के अध्यक्ष मणिलाल केरकेट्टा, बंगाल प्रदेश अध्यक्ष जीतू उरांव, नेपाल प्रदेश अध्यक्ष सूर्यदेव उरांव, राष्ट्रीय प्रवक्ता कमले किस्पोट्टा, असम के सांसद नवा कुमार, सुबोध तिर्की, बिहार के पूर्व एसी एसटी अध्यक्ष ललित भगत, सरना सोतो समिति से मथुरा कंडीर शामिल हुए।