झारखंड में साईं हेल्थ केयर अस्पताल में कोरोना के नाम पर अवैध वसूली की हुई पुष्टि, DC ने दिया कार्रवाई का निर्देश

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रामगढ़: रामगढ़ शहर के साईं हेल्थ केयर अस्पताल के द्वारा कोरोना के नाम पर मरीजों को लूटने के मामले पर अब सरकारी मुहर भी लग गई है।

जी हां, डीसी संदीप सिंह के द्वारा बनाई गई जांच टीम ने भी इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि अस्पताल प्रबंधन मरीजों को लूट रहा है।

इतना ही नहीं अस्पताल में अभिलेख में हेराफेरी कर मरीजों से मनमानी रकम वसूली जा रही है।

जांच टीम ने अस्पताल में हो रही गड़बड़ियों को भी उजागर किया है। साथ ही यह भी कहा है कि उस अस्पताल में क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का भी लगातार उल्लंघन हुआ है।

पूरे मामले की जानकारी डीसी संदीप सिंह ने शुक्रवार को दी। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को भी इस बात से अवगत कराया है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि जिले में साई हेल्थ केयर, थाना चौक अस्पताल द्वारा कुछ मरीजों से कोरोना इलाज के लिए निर्धारित दर से अधिक राशि लेने की शिकायत प्राप्त हुई थी।

परिजनों से बात कर टीम द्वारा जांच में आरोप सही पाए जाने पर अस्पताल को अतिरिक्त राशि वापस करने का आदेश दिया गया है।

सहित विधिक कार्रवाई की जा रही है।

द्वारकानाथ को लौटाया जाएगा 1.35 लाख रुपये

डीसी संदीप सिंह ने साईं हेल्थ केयर अस्पताल को 72 वर्षीय मरीज द्वारकानाथ को 135000 रुपये वापस करने का आदेश जारी किया है।

इस मरीज से अस्पताल ने 195000 रुपये की वसूली की थी।

द्वारकानाथ को 11 दिन तक अस्पताल में रखा गया था। जहां गलत दवाइयों के नाम पर उनसे इतनी मोटी रकम ली गई थी।

जांच टीम के पहुंचने से पहले ही अस्पताल में बदल गया था बिल

साईं हेल्थ केयर अस्पताल में मरीज को लूटने के मामले पर लगातार जांच चल रही थी।

सबसे पहले सिविल सर्जन डॉ गीता सिन्हा मानकी ने अस्पताल का निरीक्षण किया।

उनकी जांच से असंतुष्ट डीसी संदीप सिंह ने विशेष टीम गठित की लेकिन उस टीम के पहुंचने से पहले ही अस्पताल प्रबंधन ने बिल बदल दिया।

जब जांच टीम अस्पताल पहुंची तो डॉक्टर मिथिलेश कुमार से उन्होंने मरीज द्वारिकानाथ और संदीप कुमार के इलाज से संबंधित सारे रिकॉर्ड मंगाए।

जब बिल पर नजर पड़ी तो देखा कि उसमें दर्शाए गए रुपये अलग हैं।

जांच टीम ने तत्काल मरीज से संपर्क किया।

वहां से जो व्हाट्सएप पर बिल उपलब्ध हुआ, उससे यह स्पष्ट हो गया कि अस्पताल प्रबंधन ने पूरी लीपापोती करने की कोशिश की है।

क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट और कोविड प्रोटोकॉल का भी हुआ उल्लंघन

जांच टीम ने जो रिपोर्ट सौंपी है उसके अनुसार साईं हेल्थ केयर हॉस्पिटल में कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा था।

कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए सरकार द्वारा जारी रेट को लेकर कोई भी पोस्टर या सूचना अस्पताल परिसर में नहीं चिपकाया गया था।

जांच टीम ने यह भी बताया है कि इस अस्पताल में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट का भी घोर उल्लंघन हो रहा है।

अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की अनुशंसा भी जांच टीम ने की है।