मुंबई: महाराष्ट्र के विदर्भ में मिला कोरोना का बी-1.617 वैरिएंट वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है।
हालांकि, टीका लगवा चुके लोगों को यह सिर्फ बीमार कर सकता है।
इससे ज्यादा जोखिम नहीं है। यह जानकारी भारत और ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने रिसर्च में दी है।
वैज्ञानिकों ने अधिकतर लोगों के लिए टीकाकरण को सुरक्षित बताया है।
बी.1.617 वैरिएंट पहली बार महाराष्ट्र के विदर्भ में पिछले साल अक्टूबर में सामने आया था।
वैज्ञानिकों के अनुसार, म्यूटेशन ई484क्यू और एल452आर होने की वजह से इसे डबल म्यूटेंट कहा गया।
कोरोना का यह वेरिएंट टीका से शरीर में तैयार हुए सुरक्षा कवच से बच निकलता है।
10 देशों के लैबोरेट्री समूह में शामिल इंडियन सार्स-कोव-2 जीनोमिक कॉन्सोर्शिया (आईएनएसएसीओजी) और ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी ने सार्स-कोव-2 बी.1.617 को लेकर रिसर्च प्रकाशित की है।
रिसर्च में शामिल कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग के रवि गुप्ता ने कहा, रिसर्च डेटा में इस वैरिएंट के जोखिम को बताया गया है, लेकिन यह भी स्पष्ट किया गया है कि टीका ही अधिकतर लोगों के लिए सुरक्षित है।
नई दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक डॉक्टर अनुराग अग्रवाल और वैज्ञानिक विनोद सकारिया ने भी इस वैरिएंट के खिलाफ टीके को कारगर बताया है।