नई दिल्ली: ऐसे में जब भारत कोविड-19 की दूसरी लहर से जूझ रहा है, सरकार ने गुरुवार को कहा कि वायरस फिर से उभर सकता है और इसलिए राज्यों के सहयोग से राष्ट्रीय स्तर पर तैयारी की जानी चाहिए, बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की जरूरत है, जबकि पाबंदियां और उचित व्यवहार का अनुपालन होना चाहिए।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी के पॉल ने इन आरोपों को खारिज किया कि सरकार दूसरी लहर की तीव्रता से अनजान थी।
वी के पॉल ने कहा, ‘हम इस मंच से बार-बार चेतावनी देते रहे कि कोविड-19 की दूसरी लहर आएगी।
यह कहा गया था कि सीरो-पॉजिटिविटी 20 प्रतिशत है, 80 प्रतिशत आबादी अभी भी जोखिम में है और यह वायरस कहीं गया नहीं है और अन्य देशों में भी इसका फिर से उभरना देखा जा रहा है।
‘ पॉल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘प्रधानमंत्री ने 17 मार्च को दूसरी लहर के उभरने के बारे में देश को दहशत उत्पन्न किये बिना बता दिया था और कहा था कि हमें इससे लड़ना होगा।’
क्या ऐसी उच्चतम स्तर की उम्मीद थी, उन्होंने कहा, ‘कोई भी मॉडलिंग उच्चतम स्तर किस आकार का होगा यह अनुमान नहीं लगा सकता क्योंकि वायरस के अप्रत्याशित व्यवहार के बारे में अच्छी तरह से पता है।
‘ उन्होंने कहा,’उच्चतम स्तर आएगा, वायरस फिर से उभर सकता है, हम जानते हैं।
इसलिए राज्यों के सहयोग से देश स्तर पर तैयारी की जानी चाहिए, बुनियादी ढांचे को बढ़ाना होगा, रोकथाम के उपायों को लागू करना होगा और कोविड-19 के उचित व्यवहार का पालन करना होगा।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश में पिछले तीन दिनों में कोविड-19 के प्रतिदिन सामने आने वाले नये मामलों में स्थिरता और संक्रमण दर में थोड़ी गिरावट दर्ज की गई है।
उन्होंने हालांकि साथ ही यह भी कहा कि 10 राज्यों में संक्रमण दर अभी भी 25 प्रतिशत से अधिक है जो कि ”चिंताजनक प्रवृत्ति है।
उन्होंने कहा कि 12 राज्यों में कोविड-19 के एक लाख से अधिक उपचाराधीन मामले हैं, जबकि 24 राज्यों में 15 प्रतिशत से अधिक संक्रमण दर है।
उन्होंने कहा कि 10 राज्यों- गोवा, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, हरियाणा, राजस्थान, चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और ओडिशा में कोविड-19 मामलों की संक्रमण दर 25 प्रतिशत से अधिक है, वहीं दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र और केरल सहित आठ राज्य हैं जहां यह 20 प्रतिशत से अधिक है, जो एक चिंताजनक प्रवृत्ति है।
उन्होंने हालांकि कहा कि ऐसे जिलों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है जहां कोविड-19 जांच की संख्या में सप्ताह दर सप्ताह वृद्धि के बावजूद संक्रमण की दर में कमी दर्ज की गई है।
सरकार के अनुसार ऐसे जिलों की संख्या 22-28 अप्रैल में 125 से बढ़कर 6 से 12 मई के बीच 338 हो गई है।