धनबाद: वैश्विक महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण के कारण विभिन्न अस्पतालों में मरीजों की हुई मृत्यु की डेथ ऑडिट की जाएगी।
इसकी शुरुआत हिल मैक्स हॉस्पिटल, प्रगति नर्सिंग होम, पाटलिपुत्र नर्सिंग होम, एशियन जालान हॉस्पिटल, अशर्फी हॉस्पिटल, मंडल रेलवे हॉस्पिटल, सदर हॉस्पिटल, कैथ लैब व सेंट्रल हॉस्पिटल से की जाएगी।
डेथ ऑडिट को लेकर उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने सोमवार को सर्किट हाउस स्थित कोविड कंट्रोल रूम से ऑनलाइन बैठक की और ऑडिट के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश दिए।
उपायुक्त ने कहा कि दो-तीन दिनों में आईसीएमआर के नियमानुसार सिविल सर्जन डॉ गोपाल दास की अध्यक्षता में गठित ऑडिट टीम अपना काम शुरू करेगी।
इसमें मरीज की मृत्यु किस कारण से हुई, क्यों हुई, कैसे हुई, इलाज के दौरान कहां लापरवाही बरती गई इत्यादि का उल्लेख होगा।
30 मई तक कमेटी नेशनल फॉर्मेट फोर डिजिज कंट्रोल के अनुसार रिपोर्ट सुपुर्द करेगी।
उन्होंने कहा कि डेथ ऑडिट का उद्देश्य किसी अस्पताल की कमी निकालना नहीं बल्कि एक सही तस्वीर को सामने लाना है।
इससे इलाज में कहां चुक हुई है, मृत्यु दर को कम करने के लिए क्या करना चाहिए, कैसे कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल को मजबूत करना है, भविष्य में क्या तैयारियां करनी है, की जानकारी प्राप्त होगी।
टीम मृतक के परिजनों का संपर्क कर उनसे भी पूछताछ करेगी और उनकी बातों को नोट करेगी तथा अस्पताल की व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए और मृत्यु दर को रोकने के लिए अपनी राय देगी।
उन्होंने कहा कि ऑडिट के दौरान टीम अस्पताल में डॉक्टरों सहित अन्य कमी का उल्लेख करेगी और अपने सुझाव अस्पताल प्रबंधक को देगी।
वैश्विक महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर उपायुक्त ने अस्पताल प्रबंधकों को बच्चों के लिए पेड्रियाट्रीक आईसीयू तैयार रखने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि कैथ लैब, सदर सहित अन्य कोविड अस्पताल एवं निजी अस्पताल पेड्रियाट्रीक आईसीयू की तैयारी अभी से शुरू करें।
बच्चों का कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज करने की भी तैयारी रखें।
वैश्विक महामारी की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर उपायुक्त ने सभी अस्पताल को अभी से तैयारियां शुरू करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि दूसरी लहर में जो भी कमियां रह गई है उसे एक माह में दुरुस्त करें।
हल्के लक्षण वाले मरीजों पर ध्यान केंद्रित कर कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार इलाज शुरू करें।
उपायुक्त ने तीसरी लहर से पहले जितने सरकारी डॉक्टर हैं उनसे एक पखवाड़े में रोस्टर के अनुसार कोविड ड्यूटी लेने, कम से कम 2 बार आइसीयू तथा नन आइसीयू वार्ड का राउंड लगाने और मरीजों को प्रीस्क्राब्ड दवाइयां दी गई हैं या नहीं, यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा इसका उद्देश्य डॉक्टरों को कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल से परिचित कराना है।
ऑनलाइन बैठक के दौरान उपायुक्त ने कोविड मरीजों के उपचार में लगे सभी कर्मचारियों को वैक्सीनेशन का समय पर दोनों डोज लेने, निरसा पॉलिटेक्निक, रेलवे भूली, पीजी ब्लॉक तथा रेलवे अस्पताल में कोविड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल के अनुसार हल्के, मोडरेट व गंभीर लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने सहित अन्य दिशा निर्देश दिए।