नई दिल्ली: कोरोना की वजह से जिन बच्चों के माता पिता की मृत्यु हो गई दिल्ली सरकार ऐसे बच्चों की पढ़ाई एवं रहन-सहन का खर्च वहन करेगी।
साथ ही ऐसे बुजुर्गों को भी सहायता दी जाएगी जिनके परिवार में कमाने वाले युवाओं की कोरोना से मृत्यु हो गई है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा मैं ऐसे कई बच्चों को जानता हूं जिनके माता-पिता दोनों कोरोना के कारण चल बसे।
मैं सभी बच्चों को कहना चाहता हूं कि आप चिंता मत करना। बच्चों आप अपने आप को अनाथ मत समझना।
मैं आपके दुख को जानता हूं। किसी भी बच्चे की पढ़ाई बीच में छूटने नहीं देंगे। ह
र बच्चे की पढ़ाई जारी रहेगी। बच्चों की पढ़ाई और उनका पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा ऐसे कई बुजुर्ग हैं जिनके जवान बच्चे थे। यह बच्चे कमाते थे जिससे घर चलता था।
कोरोना के कारण अब कमाने वाले वह बच्चे इन परिवारों में नहीं रहे। ऐसे सभी बुजुर्गों को मैं कहना चाहता हूं कि आपके बच्चे चले गए इस बात का मुझे बेहद अफसोस है लेकिन आप चिंता मत करना।आपकी मदद सरकार करेगी ।
मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना के कारण कई परिवारों के कमाने वाले सदस्यों की मृत्यु हुई है।
कई स्थानों पर बच्चे अनाथ हो गए हैं।
ऐसे परिवारों के सभी पड़ोसियों और रिश्तेदारों से भी अपील है कि उनका ख्याल रखें।
ऐसे परिवारों पर बहुत बड़ी मुसीबत आई है। दिल्ली के दो करोड लोग हम सब एक परिवार हैं।
इस दुख की घड़ी में एक दूसरे की मदद करनी है।
आज ईद का त्यौहार है ऊपर वाले से आपकी सेहत और आप लोगों की खुशियों की प्रार्थना करता हूं।
दिल्ली में अब कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है लेकिन वैक्सीन की कमी भी बनी हुई है।
दिल्ली सरकार का कहना है कि दिल्ली में प्रतिदिन तीन लाख व्यक्तियों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा सकती है।
लेकिन दिल्ली सरकार के पास सीमित संख्या में ही कोरोना वैक्सीन उपलब्ध है।
दिल्ली सरकार ने वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार से ग्लोबल टेंडर निकालने की मांग की है।
राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार देश में अन्य फार्मा कंपनियों को वैक्सीन का फार्मूला सौंपे। इससे देश में वैक्सीन उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
दिल्ली सरकार ने कहा कि केंद्र सरकार जल्द से जल्द ग्लोबल टेंडर के द्वारा अंतराष्ट्रीय बाजार से राज्यों के लिए वैक्सीन खरीदे।
केंद्र सरकार को राज्यों को ग्लोबल टेंडर निकालने के लिए नहीं बोलना चाहिए।
केजरीवाल सरकार के मुताबिक भारत को वैश्विक बाजार के सामने एक राष्ट्र के रूप में जाने की जरूरत है न कि बिखरे हुए राज्यों के रूप में।