रांची: वामदल महंगाई, कृषि कानून के खिलाफ 26 जून को राजभवन के सामने प्रदर्शन करेंगे। यह निर्णय सोमवार को संयुक्त वामदलों की बैठक में लिया गया।
बैठक में महंगाई, कृषि कानून, कोविड महामारी से लेकर केंद्र सरकार की निजीकरण नीति सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा की गयी।
चर्चा के बाद वाम नेताओं ने निर्णय लिया कि 26 जून को राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया जायेगा। देशव्यापी आह्वान के तहत राज्य में भी केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध किया जाएगा।
मौके पर भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार संविधान में दी गयी आजादी को छीनने की कोशिश कर रही है।
विचार व्यक्त करने पर भी सरकार लोगों को जेल में डाल रही है और उसे राजद्रोह या देशद्रोह का नाम दिया जा रहा है। भुवनेश्वर ने कहा कि ऐसे में जन आंदोलन ही एक रास्ता है।
पिछले सात महीनों से दिल्ली बॉर्डर में किसान आंदोलनरत हैं, लेकिन सरकार ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया।
माले के शुभेंदु सेन ने कहा कि किसानों के आंदोलन के दौरान जानें भी गयीं, लेकिन सरकार की इनके प्रति संवेदना नहीं है। अपने अहंकार में सरकार ने किसानों से बात नहीं की।
किसानों के आंदोलन को दबाने और कुचलने के लिए तरह तरह के प्रॉपेगेंडा अपनाकर बदनाम करने की कोशिश में लगे रहे।
देश की मौजूदा आर्थिक स्थिति चरमरा गयी है। महंगाई से आम जनता त्राहिमाम कर रही है। ऐसे में आंदोलन जरूरी है।
उन्होंने बताया कि राजभवन विरोध प्रदर्शन में भारतीय किसान संघ छोड़कर सभी ट्रेड और किसान यूनियनों ने समर्थन किया है।
मौके पर प्रफुल्ल लिंडा, मासस के सुशांतो मुखर्जी, सीपीआई महेंद्र पाठक, अजय कुमार सिंह, मनोहर यादव सहित अन्य मौजूद थे।