रांची: रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा है कि नगर आयुक्त मुकेश कुमार स्थाई समिति व निगम परिषद की बैठक को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।
उन्हें यह भी जानकारी नहीं है कि झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 की धारा-86 के तहत बैठक से संबंधित कार्यवृत्त की कार्यवाही पर परिषद की अध्यक्ष से हस्ताक्षर करने अनिवार्य है।
उसके बाद धारा-88 के तहत कार्यवाही की एक प्रति हस्ताक्षर होने के सात दिनों के अंदर राज्य सरकार को अग्रसारित किया जाना है।
लकड़ा ने बुधवार को कहा कि नगर आयुक्त परिषद का सचिव होने के नाते झारखंड नगरपालिका अधिनियम के कस्टोडियन हैं।
वे न तो स्वयं कानून का पालन करना चाहते हैं और न ही कानूनी प्राविधानों के तहत रांची नगर में किसी को कार्य करने देना चाहते हैं।
मेयर ने कहा कि क्या नगर आयुक्त को यह भी बताना पड़ेगा कि उनकी मनमानी के कारण आम लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है।
शहर का विकास बाधित हो रहा है।
केंद्र व राज्य सरकार से फंड आवंटित होने के बावजूद 53 वार्डों की स्वीकृत योजनाओं के क्रियान्वयन में विलंब हो रहा है।
शहर की आम जनता प्रतिदिन नई-नई समस्याओं को लेकर चयनित जनप्रतिनिधियों से समाधान कराने की मांग कर रहे हैं।
मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त को पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि तीन दिनों के अंदर स्थाई समिति व निगम परिषद की बैठक से संबंधित कार्यवाही की फाइल एवं बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग के साथ उपलब्ध कराएं।