रांची: मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि देश की आजादी एवं राज्य बनने के बाद आदिवासी, दलित एवं अल्पसंख्यक वर्गों में शिक्षा के क्षेत्र में उम्मीद के अनुरूप विकास नहीं हो पाया है। शिक्षा के क्षेत्र में अभी भी सुधार की आवश्यकता है।
सरकार के सामने काफी चुनौतियां भी हैं परंतु आप सभी के सहयोग से इन चुनौतियों को अवसर में बदलेंगे।
यह बात मुख्यमंत्री ने शनिवार को पुरुलिया रोड रांची स्थित सोशल डेवलपमेंट सेंटर सभागार में आदिवासियों एवं दलितों के शिक्षा में चुनौतियां और संभावनाओं विषय पर आयोजित सेमिनार सह कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहीं।
उन्होंने कहा कि राज्य को आगे ले जाने के लिए हम सभी के कंधों पर अभी बड़ी जिम्मेदारी है।
काफी जद्दोजहद के बाद राज्य का निर्माण हुआ है।
झारखंड की संस्कृति, शिक्षा सहित लोगों की सभी अपेक्षाओं को मजबूती प्रदान करना हम सभी का कर्तव्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गठन के पहले दिन से ही मूलभूत समस्याओं को मजबूत करने का काम किया जा रहा है।
सरकार काफी चिंतन एवं मनन के साथ कई नई चीजों पर विचार कर आगे बढ़ने का काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सरकार लगातार पूरी ईमानदारी के साथ कार्य कर रही है।
आप सभी के सहयोग के साथ सरकार लंबे समय की कार्य योजना शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए बनाने का कार्य करेगी।
राज्य में ट्राईबल यूनिवर्सिटी स्थापित होगी
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि देश में झारखंड ऐसा राज्य है जहां के अनुसूचित जाति, जनजाति के होनहार छात्र-छात्राएं जो उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में पढ़ाई करना चाहते हैं उन्हें “फॉरेन एजुकेशन स्कॉलरशिप” योजना के तहत सहायता राशि दी जा रही है।
राज्य में मैट्रिक पास करने वाले सभी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को भी सहायता राशि दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के बच्चों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य में ट्राईबल यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में पहली बार जेपीएससी नियमावली बनाने का काम हमारी सरकार ने किया है।
बेहतर रूप से स्कूलों नियुक्ति कार्य हो इसके लिए स्कूल नियुक्ति नियमावली तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी बेहतर शिक्षा सुविधा मुहैया हो इसके लिए 4500 स्कूलों को नए रूप से सुसज्जित करने का काम किया जा रहा है।
एनीमिया एवं कुपोषण मुक्त झारखंड बनाना प्राथमिकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में महिलाओं को एनीमिया तथा बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य योजना तैयार की जा रही है। राज्य में एनीमिया और कुपोषण चिंता का विषय है।
एनीमिया और कुपोषण मुक्त झारखंड का निर्माण हो सके इस निमित्त ऐसी महिलाएं एवं बच्चे- बच्चियां जो इस रोग से ग्रसित हैं उन्हें चिन्हित करने का कार्य किया जा रहा है।
राज्य से एनीमिया और कुपोषण का धब्बा हटाना हमारी प्राथमिकता है।
सरकार ने स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में अध्ययनरत बच्चों को सप्ताह में 3 दिन भोजन में अंडा खिलाने का प्रावधान किया है।
मानसिक विकास का मुख्य आधार शिक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस भौतिकवादी युग में शिक्षा अतिमहत्वपूर्ण है। सामाजिक कुरीतियों को रोकने के लिए शिक्षा ही एक रास्ता है। मानसिक विकास का मुख्य आधार ही शिक्षा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार शिक्षा के क्षेत्र में व्यवस्थाओं को आगे बढ़ाने पर काम कर रही है।
आप सभी का सहयोग लेकर हम आगे बढ़ेंगे।
कार्यक्रम में बिशप थियोदोर मस्करेनस, बिशप विंसेन्ट बरवा, बिशप पॉल लाकड़ा, सिस्टर लिली टोपनो, बिशप विनय कंडुलना सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के फादर-सिस्टर एवं शिक्षा जगत से जुड़े लोग उपस्थित थे।