रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने ई-पास को खत्म करने की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका को खारिज कर दी है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने गुरुवार को इस मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद इस याचिका को ख़ारिज कर दी है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ई-पास जरूरी है।
झारखंड हाईकोर्ट ने आदेश पारित करते हुए कहा कि सब्ज़ी और दूध लाने के लिए मोटरसाइकिल से जाने की जरूरत नहीं है।
लोग पैदल चलकर भी यह काम कर सकते हैं।
राज्य सरकार का यह कदम कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए उठाया गया है और सरकार का यह नीतिगत निर्णय है।
उल्लेखनीय है कि रांची के धुर्वा निवासी राजन कुमार सिंह ने झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनूप अग्रवाल के माध्यम से ई-पास की खामियों को खत्म करने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी।
इस जनहित याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए अदालत से विशेष आग्रह किया गया था।
अधिवक्ता अनूप अग्रवाल के मुताबिक जनहित याचिका के माध्यम से अदालत से गुजारिश की गयी थी कि हाईकोर्ट इस मामले में हस्तक्षेप करे और लोकल मूवमेंट के लिए ई-पास की बाध्यता खत्म के लिए निर्देश जारी करे।
प्रार्थी ने अपनी याचिका में कहा है कि इ-पास लेना एक जटिल प्रक्रिया है और सरकार द्वारा जारी ई पास से संबंधित आदेश में कई खामियां हैं।