रांची: कोरोना महामारी के बीच भी कुछ प्राइवेट अस्पताल अपनी अवैध कमाई से बाज नहीं आ रहे हैं।
लेकिन ऐसे अस्पतालों पर सीएम हेमंत सोरेन की भी नजर आए। इनके साथ सरकार सख्ती से पेश आ रही है।
ऐसा ही एक मामला राजधानी रांची में सामने आया है, जहां एक प्राइवेट अस्पताल का डॉक्टर मरीज को देखने तक नहीं आया और उसके अटेंडेंट से लंबा-चौड़ा बिल वसूल लिया गया।
इसकी कंप्लेन जब सीएम से की गई तो उन्होंने रांची डीसी को जांच का आदेश दिया।
इसके बाद 24 घंटे के भीतर ही अस्पताल प्रबंधन बैकफुट पर आ गया और मरीज के पिरजनों को 20 हजार रुपए लौटा दिया। इसकी जानकारी डीसी ने सीएम को दे दी है।
सीएम ने डीसी को दिया था कार्रवाई का आदेश
मरीज के परिजनों की कंप्लेन पर एक दिन पहले मरीज को देखने डॉक्टर नहीं आए इसके बावजूद लंबा चौड़ा बिल वसूलने वाले अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जांच का आदेश दिया था।
उन्होंने शिकायत सही पाये जाने पर कार्रवाई करने का निर्देश भी रांची उपायुक्त को दिया है।
क्या है मामला
मुख्यमंत्री को यह शिकायत मिली थी कि मरीज दिनेश्वर पांडेय को देखने डॉक्टर नहीं आए। इसके बावजूद एक दिन का बिल करीब 50 हजार रुपये थमा दिया गया।
आईसीयू में रात के समय ऑक्सीजन बंद कर दिया गया और मरीज को जनरल वार्ड में शिफ्ट करने पर ऑक्सीजन की व्यवस्था भी खुद करने को कहा गया।
पिता के खोने पर पुत्री ने सीएम से मदद की गुहार लगाई थी।
इसके बाद रांची उपायुक्त ने सीएम सोरेन के आदेश पर निजी अस्पताल से संबंधित शिकायत की जांच के लिए एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट और डॉक्टर की एक टीम को जांच सौंपी।
रिपोर्ट के आधार पर 24 घंटे में अस्पताल प्रबंधन को 20 हजार रुपये लौटाना पड़ा।