रांची : अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से संबंधित केसों की जांच के मामले (SC-ST Related Cases ) में हेमंत सरकार का बड़ा फैसला आने वाला है।
झारखंड में अब अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के तहत दर्ज मामले का अनुसंधान अब इंस्पेक्टर व दारोगा (Inspector and Inspector) भी कर सकेंगे।
पहले सिर्फ DSP रैंक के अधिकारी को यह अधिकार था। इस संबंध में कैबिनेट में संशोधन का प्रस्ताव भेजा गया है। 22 नवंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
15 से 22 दिसंबर तक हो सकता है विधानसभा का विंटर सेशन
कैबिनेट मीटिंग (Cabinet Meeting) में झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र 15 से 22 दिसंबर के बीच अपने के प्रस्ताव को स्वीकृति मिल सकती है। है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद सत्र आहूत किया जाएगा।