रांची: झारखंड हाईकोर्ट ने गुरुवार को जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार से ऑक्सीजन सिलेंडर की चोरी की घटना पर जवाब तलब किया है।
अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच एक तरफ लोग ऑक्सीजन सिलेंडर के अभाव में मर रहे हैं और दूसरी तरफ इस तरह की जानकारी मिल रही है कि हज़ारीबाग जिले में 230 ऑक्सीजन सिलेंडर रातों रात गायब हो गए।
हाईकोर्ट ने इस प्रकरण पर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ में में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई।
राज्य सरकार ने अगली सुनवाई तक इस मामले में एफिडेविट दायर कर जवाब दाखिल करेगा।
वहीं सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा है की रिम्स में उपकरण खरीद में देर क्यों हो रही है।
जिसपर राज्य सरकार और रिम्स की तरफ से अदालत को बताया गया कि रिम्स में जितने भी जरुरी उपकरणों की खरीददारी की जानी थी, उसकी खरीददारी की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है और जल्द ही सारे उपकरण रिम्स को मिल जायेंगे।
ऑक्सीजन की व्यवस्था के मामले में सरकार ने अदालत को बताया कि सरकार ने अब तक चार ऑक्सीजन प्लांट लगाया है।
प्रदेशभर में 54 ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं ताकि किसी भी मरीज को ऑक्सीजन का आभाव न हो।
केंद्र सरकार की तरफ से एएसजी ने कोर्ट को बताया कि 79 हजार रेमेडिसीवर अब तक दिए जा चुके हैं और 30 हजार डोज दिए जाने की प्रक्रिया लगभग पूरी कर ली गयी है।
राज्य सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने झारखंड सरकार की ओर से कोरोना से निपटने के लिए राज्य सरकार के उठाये गए प्रयासों से अदालत को अवगत कराया।
रिम्स की तरफ से अधिवक्ता आकाशदीप ने अदालत के समक्ष पक्ष रखा।