रांची: झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ ने मुख्यमंत्री सह ऊर्जा मंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखा है। संघ ने पत्र लिखकर झारखंड ऊर्जा विकास निगम के अंदर कार्यरत कर्मियों की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि झारखंड ऊर्जा विकास निगम के अंदर विभिन्न आउटसोर्स कंपनी के माध्यम से काम कर रहे विद्युत कर्मियों की हालत लगातार बद से बदतर होती जा रही है।
एक ओर जहां विभाग की ओर से उन्हें चार चार पांच-पांच महीने से वेतन नहीं मिल पा रहा है।
वहीं लगातार बढ़ते कोरोनावायरस से दर्जनों कर्मी मौत के आगोश में चले गए हैं। आज उनके परिवार को कोई पूछने वाला नहीं है।
पूरे राज्य के अंदर ऊर्जा विकास निगम के अंदर काम कर रहे विद्युत कर्मियों को ना कहीं कोई सुरक्षा की सुविधा मिल पा रही है और ना ही कोरोना से बचने को लेकर कोई संसाधन मुहैया कराया गया है।
बावजूद वह अपनी जान जोखिम में डालकर लगातार आम जनता की सेवा में लगे हुए हैं।
झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने शुक्रवार को बताया कि पिछले एक महीने के दौरान एक दर्जन से ज्यादा विद्युत कर्मी कोरोना संक्रमण से अपनी जान दे चुके हैं।
चाहे वह सरकारी हो या विभिन्न आउटसोर्स कंपनी में काम कर रहे कर्मी। लेकिन अभी तक विभाग की ओर से उनके मुवावजा को लेकर कहीं कोई पहल नही होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
अजय राय ने मुख्यमंत्री से मांग करते हुए कहा कि अभी तक काम के दौरान कोरोना संक्रमण से मरने वाले कर्मियों के आश्रितों को सरकार 25 लाख रुपए का मुआवजा दे।
वहीं उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
ऊर्जा निगम में काम करने वाले चाहे वह सरकारी स्टाफ हो या विभिन्न आउट सोर्स कंपनी में काम करने वाले विद्युत कर्मी उन सब का 50 लाख का ग्रुप इंश्योरेंस की सुविधा मिलनी चाहिए।