रांची: झारखंड विधानसभा में सोमवार को कृषि बिल और महंगाई पर चर्चा होने वाली थी। लेकिन भाजपा विधायकों के हंगामा के कारण इस पर चर्चा नहीं हो सका।
भोजनावकाश के बाद जब इस मसले पर चर्चा शुरू हुई तो भाजपा के विधायकों ने यह कहते हुए विरोध करना शुरू किया कि आखिर सदन में किस कृषि बिल पर चर्चा हो रही है।
स्पष्ट करना चाहिए। कृषि बिल और महंगाई पर भाकपा-माले के विधायक विनोद सिंह ने अपनी बात जरूर रखी, लेकिन भाजपा विधायकों के हंगामा में उनकी आवाज दब गई।
भाजपा विधायक सीपी सिंह और नीलकंठ सिंह मुंडा को छोड़कर सभी विधायक काले रंग का कपड़ा पहनकर पहुंचे थे।
सिंह ने कहा कि महंगाई पर चर्चा से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सदन को बताना चाहिए कि किस कृषि बिल पर चर्चा होगी। उन्होंने पूछा कि क्या यह राज्य सरकार का बिल है।
उन्होंने कहा कि बिल शब्द हटाकर सिर्फ कृषि शब्द पर चर्चा हो तो कोई दिक्कत नहीं।
पिछले दिनों मैंने इस पर सवाल खड़े किए थे। विधानसभा अध्यक्ष की तरफ इशारा करते हुए सीपी सिंह ने कहा कि सरकार की मंशा आप समझ रहे हैं। तकलीफ इस बात की है कि आसन कलंकित हो रहा है।
आसन पर बैठते ही आप ना काहू से दोस्ती ना काहू से बैर वाली भूमिका में होते हैं। फिर भी आप आंखें बंद किए हुए हैं।
स्पीकर रविंद्र नाथ महतो ने कहा कि यह मामला कार्य मंत्रणा में आया था तब भाजपा की ओर से आपत्ति क्यों नहीं की गई। ऐसे में आसन कलंकित कैसे हुआ।
बीच का रास्ता नहीं निकलने पर भाजपा विधायक लगातार विरोध करते रहे।
भाजपा के कई विधायक रिपोर्टिंग टेबल के चेयर पर बैठ गए और उसे थप थपाने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आसन के धैर्य की परीक्षा ना लें।
इस बीच झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने अपनी बात रखने की कोशिश की।
भाजपा के तल्ख तेवर को देखते हुए स्पीकर ने सदन की कार्यवाही मंगलवार की 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।