रांची: बजट सत्र के दौरान गुरुवार को सदन में श्रम, उद्योग और ऊर्जा विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक आपस में भिड़ गए।
भोजनावकाश के बाद जब सदन में चर्चा शुरू हुई तो विधायक प्रदीप यादव के एक बयान पर भाजपा के विधायक भड़क गए और सदन में हंगामा करने लगे।
अनुदान मांग पर प्रदीप यादव ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के नेता प्रदीप यादव हैं।
सदन में बोलने के लिए यदि उन्हें समय चाहिए तो मुझसे बोलें। यह पूरा मामला प्रदीप यादव के भाषण को लेकर ही उठा।
प्रदीप यादव सदन में बोलने के लिए पार्टियों को दिए गए समय से ज्यादा समय ले रहे थे।
ऐसे में भाजपा के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने स्पीकर से कहा कि यादव ज्यादा समय ले रहे हैं।
नारायण ने कहा कि उन्हें कुछ नहीं बोला जा रहा है लेकिन बाबूलाल मरांडी को ज्यादा समय नहीं दिया जाता।
नारायण की इस टिप्पणी पर जैसे ही यादव ने पलटवार किया, सदन में हंगामा होने लगा।
यादव ने पहले कहा कि वह बाबूलाल मरांडी के नेता हैं।
मरांडी को सदन में बोलने के लिए ज्यादा समय चाहिए तो उनसे बोलें।
यादव ने कहा कि जो लोग आज बाबूलाल की वकालत कर रहे हैं, उन्होंने ही बाबूलाल को धोखा दिया था।
झारखंड में अब श्रमिक मित्रों की नियुक्ति की जाएगी
झारखंड में अब श्रमिक मित्रों की नियुक्ति की जाएगी। श्रमिक मित्र मजदूरों को जागरूक करने का काम करेंगे। श्रमिक मित्रों की जिम्मेदारी होगी कि वह श्रमिकों को उनके लिए चलाई जा रही योजना के बारे में बताएं।
सरकार द्वारा चलाए जा रहे एंप्लॉयमेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने में उनकी मदद करें।
जॉब कार्ड के बारे में जानकारी दें और इसे हासिल करने में सहायता करें।
यह जानकारी गुरुवार को विधानसभा के बजट सत्र के दौरान श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने दी।
श्रम, उद्योग और ऊर्जा विभाग की अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान भोक्ता ने बताया कि प्रदेश की सभी पंचायतों में श्रमिक मित्रों की बहाली की जाएगी।
श्रमिक मित्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं के बारे में श्रमिकों के बीच जागरूकता फैलाएंगे।
श्रमिक मित्रों को प्रशिक्षित करने के लिए राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में प्रशिक्षण केंद्र खोला जाएगा।
सदन में अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान विधायक सरफराज अहमद ने कहा था कि मजदूरों के लिए बहुत सारे कानून और योजनाएं हैं, जो उनके लिए फायदेमंद है।
मजदूरों को इसकी जानकारी नहीं मिलती।
उन्होंने कहा था कि मजदूरों को उनके हक के प्रति जागरूक करने के लिए श्रम मित्रों की नियुक्ति करनी चाहिए।
अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान सरयू राय ने दिखाए तल्ख तेवर
अनुदान मांग पर चर्चा के दौरान निर्दलीय विधायक सरयू राय ने तल्ख तेवर दिखाए। राय ने कहा कि अधिकारी नहीं चाहते कि उनके कारनामों की चर्चा सदन में हो।
सरकार की तरफ से अधिकारियों द्वारा जो भी उत्तर सदन में दिया जा रहा है, वह निराशाजनक है।
जिम्मेवार लोग मसले पर ध्यान दें नहीं तो अधिकारियों के मुंह में उंगली डालकर जवाब निकालेंगे।
सरयू राय ने कहा कि मंत्रिपरिषद सभी अधिकारियों की क्लास लगाएं ताकि प्रश्नों का सही उत्तर मिल सके। जवाब सही आएंगे, तभी सदन की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
राज्य में युवा मुख्यमंत्री है तो उसी के अनुरूप सदन की प्रतिष्ठा भी होनी चाहिए।
जिस तरीके से प्रश्नों का उत्तर दिया जा रहा है, बेहतर यही होगा कि सदन की जगह लोग आरटीआई से सवाल कर लें।
उन्होंने कहा कि आरटीआई में कम से कम अपील का विकल्प तो होता है। सदन में जवाब के नाम पर बस कोरम पूरा किया जा रहा है यह दुर्भाग्यपूर्ण है।