रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में सोमवार को तारांकित प्रश्न के दौरान पक्ष और विपक्ष के विधायकों ने सरकार को घेरा।
रांची विधायक सीपी सिंह ने मुख्यालय से लेकर ब्लॉक अंचल में कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को हटाये जाने का मामला उठाया।
इस मामले को सत्ता पक्ष के विधायक इरफान अंसारी और प्रदीप यादव ने भी उठाया। इसके बाद सरकार ने इस मामले पर जवाब देने के लिए समय मांगा है।
सदन में कार्यवाही के दौरान जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार को सभी विभाग को एक जगह लाकर क्रियान्वित करना पड़ेगा।
इस पर सरकार विचार करेगी। कोई भी मंत्री सारे विभागों की तैयारी करके नहीं आता है। इसलिए सरकार को समय दिया जाये। इस दौरान सीपी सिंह ने कहा कि समय लीजिए, लेकिन तब तक किसी को हटाइये नहीं।
इस पर विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि अगर यहां फैसला नहीं होगा, तो सदन में प्रश्न लाने का क्या फायदा है। इसके बाद चर्चा हुई और सवाल के संतोषजनक उत्तर के लिए प्रश्न को पुट करा दिया गया।
यादव ने कहा कि जो भी कर्मी 10 वर्षों से अधिक समय से काम कर रहे हैं, उनको हटाना सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का उल्लंघन होगा।
इस बीच सीपी सिंह ने मांग की कि सरकार आश्वस्त करे कि जो लोग पहले से काम कर रहे हैं, उनको नहीं हटाया जाये। इसके साथ ही उनको जितना मेहनताना मिल रहा है, उससे कम नहीं मिले। यह भी सुनिश्चित किया जाये।
सिंह ने कहा कि जब सरकार इस मामले पर समिति बना चुकी है, तो रिपोर्ट आने तक उन्हें बहाल रखा जाये।
साथ ही तब तक किसी प्रकार की आउटसोर्सिंग टेंडर न निकाला जाये। विधायक मथुरा प्रसाद महतो, विनोद सिंह, भानु प्रताप शाही, इरफान अंसारी ने भी कंप्यूटर ऑपरेटरों को पहले की तरह बहाल रखने की मांग की।
उल्लेखनीय है कि पहले से कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों की सेवा समाप्त कर आउटसोर्सिंग के जरिए नये सिरे से बहाली की जानी है। इसे लेकर राज्य के कई जिलों में कंप्यूटर ऑपरेटरों को हटा दिया गया है।