रांची: रांची रेलवे स्टेशन पर खड़ी राजधानी एक्सप्रेस से आरपीएफ ने दिल्ली से आए मानव तस्कर अखिलेश कुमार चैधरी को दबोच लिया है।
दिल्ली के शकरपुर थाना क्षेत्र के गुरु रामदास नगर का रहने वाला अखिलेश कुमार चौधरी यहां से किशोरों को लेकर दिल्ली लौट रहा था।
आरपीएफ ने अखिलेश को गिरफ्तार करने के साथ ही दोनों किशोरों को भी बरामद कर लिया है। आगे की कार्रवाई के लिए मानव तस्कर और किशोर को सिमडेगा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट के सुपुर्द करने की तैयारी है।
आरपीएफ के अधिकारियों ने घटना की जानकारी सिमडेगा की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट को दे दी है। वहां से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट तक रांची आ रही है, जिसके हवाले किशोर-किशोरियों को कर दिया जाएगा।
बरामद किशोर सिमडेगा के केरसई थाना क्षेत्र के सिकरी बिउरा गांव और पहाड़ टोली कोचेडोगा गांव के रहने वाले हैं।दिल्ली में प्लेसमेंट एजेंसी चलाता है यूपी का रहने वाला अखिलेश चैधरी
आरपीएफ की मेरी सहेली और नन्हे फरिश्ते टीम राजधानी एक्सप्रेस में जांच पड़ताल कर रही थी। तभी उन्हें दो किशोर नजर आए। ये किशोर एक व्यक्ति के पास कोच संख्या बी 10 में सीट 49 और 50 पर बैठे हुए थे।
उन्हीं के पास दिल्ली का रहने वाला मानव तस्कर अखिलेश चौधरी भी बैठा हुआ था। अखिलेश चौधरी को फौरन पकड़ लिया गया।
पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह दिल्ली में शकरपुर के गुरु रामदास नगर में गरिमा कक्कड़ नामक महिला के मकान में किराए पर रहता है।
वह मुल रूप से उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिला के सिकरारा थाना क्षेत्र के फिरोजपुर का रहने वाला है। वह दिल्ली में श्याम प्रभु प्लेसमेंट सर्विस चलाता है।
प्रति किशोर-किशोरी 20-30 हजार कमीशन लेता था
वह झारखंड से किशोर और किशोरियों को दिल्ली ले जाकर घरेलू काम में लगाता है। इसके एवज में उसे प्रति किशोर और किशोरी 20 हजार से 30 हजार रुपये मिलते हैं।
अखिलेश चौधरी ने बताया कि वह कई साल से झारखंड से किशोर और किशोरियों को दिल्ली ले जाकर काम पर लगा रहा है। वह सिमडेगा इलाके से बच्चों के परिजनों को प्रलोभन देकर दिल्ली ले जाता है।
सिमडेगा का लालू प्रधान है मानव तस्कर का एजेंट अखिलेश ने आरपीएफ को बताया कि वह 10 मार्च को रांची आया और बस के जरिए सिमडेगा पहुंचा। वहां बस स्टैंड पर लालू प्रधान नामक व्यक्ति से मिला।
लालू प्रधान अखिलेश चौधरी का एजेंट है। लालू ने पहले से ही गांव के दो लड़कों से बात कर रखी थी। वह दोनों लड़कों को लेकर आया और अखिलेश के सुपुर्द कर दिया।
अखिलेश ने बताया कि इससे पहले भी वह कई किशोर और किशोरियों को दिल्ली ले गया है और घरेलू काम पर लगाया है। आरपीएफ ने उसके फोन की तलाशी ली तो मोबाइल फोन के व्हाट्सएप चैट और गैलरी में मानव तस्करी से संबंधित काफी जानकारी मिली हैं।