रांची: रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि नगर निकाय में मेयर का पद सर्वोच्च है।
इस लिहाज से रांची नगर में हो रहे कार्यों की मॉनिटरिंग करना और अधिकारियों के द्वारा की जा रही गलतियों पर सवाल उठाना उनका अधिकार व कर्तव्य है।
लेकिन नगर आयुक्त मुकेश कुमार स्वयं को सर्वेसर्वा मान रहे हैं।
मेयर ने शनिवार को कहा कि निगम क्षेत्र से संबंधित योजनाओं और केंद्र व राज्य सरकार से आवंटित फंड का उपयोग करने से पूर्व स्थाई समिति व निगम परिषद से स्वीकृति लेने का प्रावधान है।
लेकिन नगर आयुक्त ने हाल ही में दो योजनाओं को स्वतः स्वीकृति प्रदान कर टेंडर नोटिस निकाल दिया।
इस संबंध में पत्राचार कर उनसे जानकारी भी मांगी गई, लेकिन अब तक उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
लिहाजा नगर आयुक्त को शो-कॉज जारी कर कई बिंदुओं पर तीन दिनों के अंदर जवाब मांगा गया है।
यदि उन्होंने निर्धारित समयावधि के अंदर जवाब नहीं दिया तो यह माना जाएगा कि रांची नगर निगम व आम जनता के पैसों के प्रति उनकी मंशा ठीक नहीं है।
मेयर ने कहा कि नगर आयुक्त के रवैये से यही इंगित हो रहा है कि मेयर द्वारा किए गए पत्राचार का जवाब न देकर वे रांची नगर निगम में किसी बड़े घोटाला को अंजाम देने की साजिश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि नगर आयुक्त से जिन बिंदुओं पर मांगा गया है, उनमें पिस्का मोड़ स्थित शिव मंदिर के प्रांगण में वेंडर मार्केट का निर्माण व हेहल पोस्ट ऑफिस से रातू रोड स्थित न्यू मार्केट चौक तक सड़क के दोनों ओर पेवर ब्लॉक लगाने से संबंधित प्रस्ताव पर रांची नगर निगम की स्थायी समिति एवं निगम परिषद से स्वीकृति कब ली गई
। मुख्य अभियंता के माध्यम से 28 अप्रैल 2021 को संबंधित योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए समाचार पत्रों में टेंडर नोटिस प्रकाशित कराई गई।
क्या इन योजनाओं से संबंधित प्रस्ताव पर स्थाई समिति और निगम परिषद से स्वीकृति ली गई है। यदि स्वीकृति प्राप्त की गई है तो स्पष्ट जानकारी दी जाए।
झारखंड नगरपालिका अधिनियम-2011 के तहत शहर के विकास से संबंधित योजनाओं का प्रस्ताव स्थायी समिति एवं निगम परिषद से पारित कराने का प्रावधान है।
उसके बाद ही किसी भी योजना को क्रियान्वित किया जाना है।
क्या आपको यह जानकारी नहीं है। 19 अप्रैल 2021 को स्थायी समिति की बैठक में 15वें वित्त आयोग के फंड से 53 वार्डों के गली-मोहल्लों में पीसीसी सड़क के बदले आवश्यकतानुसार पेवर ब्लाॅक लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया था।
स्थाई समिति की बैठक में लिए गए निर्णय पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।
चार मई को पत्राचार कर उपरोक्त दो योजनाओं से संबंधित निकाले गए टेंडर नोटिस की विस्तृत जानकारी मांगी गई थी।
लेकिन अब तक आपने कोई जवाब नहीं दिया। इस विषय पर मेयर को जानकारी नहीं देने के पीछे आपकी मंशा क्या है।