हमारी संस्कृति, हमारी वेश-भूषा, हमारी भाषा एक है: सुदेश महतो

News Aroma Media
4 Min Read

रांची: बाघमुंडी विधानसभा के छाताटांड़ में आजसू पार्टी का विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन मंगलवार को किया गया। कार्यकर्ता सम्मेलन के मुख्य अतिथि झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं आजसू पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो थे।

महतो ने कहा कि जंगलमहल पश्चिम बंगाल के सबसे उपेक्षित भौगोलिक क्षेत्रों में से एक है।

वनों की कटाई से वन-आधारित आजीविका को बहुत नुकसान हुआ।

सिंचाई की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण कृषि अर्थव्यवस्था पूर्णतः ध्वस्त हो गयी है।

उन्होंने कहा कि जंगलमहल की स्वायत्तता की मांग पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की मांग नहीं है। यह मांग उपेक्षित और पिछड़े लोगों की प्रगति की मांग है।

- Advertisement -
sikkim-ad

भले ही आज सीमाओं के जरिए लोगों को दो राज्यों (बंगाल एवं झारखंड) के बीच में बांट दिया गया है लेकिन दिल से हम सभी एक है।

हमारी संस्कृति, हमारी वेश-भूषा, हमारी भाषा एक है। जंगलमहल क्षेत्र की सभ्यता और संस्कृति को पश्चिम बंगाल में उचित स्थान नहीं दिया गया। उनकी अस्मिता एवं पहचान के साथ खिलवाड़ हुआ।

आजसू पार्टी अभी भी मानती है कि जंगलमहल सांस्कृतिक झारखंड का हिस्सा है। हालांकि, अब नए राज्य का गठन संभव नहीं है। इसलिए जंगलमहल के जनता की समस्याओं का समाधान स्वायत्त परिषद के गठन में ही निहित है।

यह परिषद वर्तमान पुरुलिया, बांकुरा, झाड़ग्राम और पश्चिम मिदनापुर जिलों के साथ बनाई जानी है।

जंगलमहल की स्वायत्तता की मांग पश्चिम बंगाल को विभाजित करने की मांग नहीं है।

यह मांग पश्चिम बंगाल के लोगों और राष्ट्रों को विभाजित करने का प्रयास भी नहीं है। यह मांग उपेक्षित और पिछड़े लोगों की प्रगति की मांग है।

भीख नहीं, स्वायत्तता चाहिए

जंगलमहल क्षेत्र के लोग इतने लंबे समय से शोषित हैं, वे आज सरकार की बागडोर संभालना चाहते हैं। वे खुद तय करना चाहते हैं कि उनके विकास के लिए किस योजना की जरुरत है।

वे अपनी भाषा और संस्कृति की रक्षा की जिम्मेदारी लेना चाहते हैं। इस बार वे स्वाभिमान और स्वशासन स्थापित करने की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं।

पुरुलिया, बांकुरा में मानवाधिकार हनन की स्थिति चिंताजनक

2011 की जनगणना के अनुसार पश्चिम बंगाल में मानवाधिकार दर 0.625 था। वहीं बांकुरा और पुरुलिया में मानवाधिकार दर क्रमशः 0.52 और 0.45 था।

अन्य जिलों की स्थिति भी लगभग ऐसी ही है। पूरे पश्चिम बंगाल और खास करके जंगलमहल क्षेत्र में मानवाधिकार हनन के मामले साल-दर-साल बढ़ रहे हैं। यह काफी चिंतनीय विषय है।

उन्होंने कहा कि चाहे बंगाल में सरकार वाम मोर्चा की हो या तृणमूल कांग्रेस की या फिर कांग्रेस की, जंगल महल इलाका दशकों से सबसे उपेक्षित रहा है। कोलकाता में बैठे शासकों पर इन क्षेत्र के लोगों का विश्वास खत्म हो गया है।

पूर्व में एनडीए द्वारा गठित अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने भारत के विभिन्न राज्यों में स्वायत्त परिषदें स्थापित की हैं और झारखंड, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ जैसे छोटे राज्यों की स्थापना भी की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में वर्तमान केंद्र सरकार ने लद्दाख में भी एक स्वायत्त परिषद बनायी है।

आजसू पार्टी पहले ही जंगलमहल के स्वायत्तता की मांग प्रधानमंत्री को सौंप चुकी है और हमें पूर्ण विश्वास है कि आजसू पार्टी के नेतृत्व में ही जंगलमहल के लोगों की आशाएं और आकांक्षाएं पूर्ण होंगी।

बंगाल में बदलाव की बयार

इस बार पूरे बंगाल में कमल और केला की जोड़ी कमाल करेगी। बाघमुंडी में केला और पूरे बंगाल में कमल का खिलना तय है। बंगाल में बदलाव की बयार है और इस बार एनडीए पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगी।

Share This Article