रांची: गुड फ्राइडे के अवसर पर शुक्रवार को शहर के विभिन्न चर्चों में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
इस दौरान लोगों ने यीशु को याद किया। हालांकि, कोरोना संक्रमण को देखते हुए चर्चों में कम भीड़ रही।
इस संबंध में फादर आनंद डेविड खलखो से जब यह पूछा गया कि ईसाई लोगों में पैर धोने की परंपरा नहीं है लेकिन लोग ऐसा करते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि यह आस्था से जुड़ा है। यीशु ने स्वयं पैर धोए थे।
हम उसका अनुसरण करते हैं। इसलिए दूसरों का भी पैर धोते हैं। यीशु ने कहा है कि यह मानव सेवा है।
यह हमारी प्रथा है। इसलिए हम ऐसा करते हैं।
जब उनसे यह पूछा गया कि ईसाई लोग वेशभूषा हिंदू की तरह करके ईसाई परंपरा का निर्वाह कर रहे हैं। इस पर उन्होंने कहा कि लाल कपड़ा खून और शहादत का प्रतीक है।
यीशु ने मानवता के लिए खून बहाया था। हम उसी परंपरा को बढ़ा रहे हैं।
उनसे जब यह पूछा गया कि ईसाई लोग धर्म परिवर्तन भी करा रहे हैं।
इस पर उन्होंने कहा कि हम किसी का धर्म परिवर्तन नहीं कराते हैं, जो लोग यीशु पर आस्था रखते हैं वह खुद धर्म अपना लेते हैं।