Sudesh Mahato On Hemant: आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो (Sudesh Kumar Mahato) ने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार जनता के सवाल और दुख-दर्द से दूर रहकर सत्ता के नशे में चूर है।
चार साल में झारखंड का इस कदर अहित किया है, जिसे जनता कभी माफ नहीं करने वाली। युवा झारखंड को सरकार ने भटकने पर छोड़ दिया है।
सुदेश कुमार महतो ने हरमू स्थित केंद्रीय कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में चार साल में सरकार की विफलता पर सिलसिले वार राज्य के हालात को सामने रखा।
उन्होंने कहा कि सरकार जनहित से जुड़े मुद्दों से भटकाने के लिए षड्यंत्र कर रही है। चार साल पहले भी पारा शिक्षक सड़क पर थे, आज भी सड़क पर हैं।
चार साल पहले भी 1932 का खातियान राज्य में लागू नहीं था, आज भी लागू नहीं है। चार साल पहले भी पिछड़े वर्गों को सरकारी नौकरियों में 27 प्रतिशत का आरक्षण नहीं था, आज भी नहीं है।
चार साल पहले भी राज्य के युवा रोजगार के लिए सड़कों पर थे, आज भी हैं। यह हालात साफ बताते हैं कि हेमंत सरकार जनता के साथ षड्यंत्र कर रही है।
नीति, नियत और नियोजन तीनों ही विषय पर विफल
उन्होंने हेमंत सरकार की नाकामियों को गिनाते हुए कहा कि यह सरकार नीति, नियत और नियोजन तीनों ही विषय पर विफल रही है। नियोजन नीति, उद्योग नीति, स्थानीयता और पर्यटन नीति का वादा कर सत्ता में आई यह सरकार एक भी नीति नहीं बना पाई। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव इन अवसरों का लाभ लेने वाले युवाओं और छात्रों के ऊपर पड़ा है।
युवा झारखंड के बढ़ते नहीं युवा झारखंड के भटकते कदम की स्थिति में इस राज्य के युवाओं को सरकार ने ला खड़ा कर दिया है। इन नीतियों के न होने से इस झारखंड में भटकाव आया है।
आज राज्य में 7 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं और नौकरी न मिलने के चलते 8 लाख युवा राज्य से बाहर पलायन कर गए हैं। 1932 की दुहाई देने वाली सरकार नियमावली तक नहीं बना पाई।
उन्होंने कहा कि सरकार ने इन चार सालों में ‘Pay for Post’ की अवधारणा के साथ काम किया है। इन्होंने इसके लिए Pay for Post काउंटर्स खोल रखे हैं।
आज राज्य में अधिकारियों का चयन उनकी कार्य कुशलता के आधार पर नहीं पे फॉर पोस्ट के आधार पर हो रहा है। जिसकी वजह से आज शासन का तंत्र पूरी तरह से कमजोर और असंवेदनशील बना दिया है।
सुदेश महतो ने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य विकास के दो मूल मानक हैं। यह सरकार विकास के सभी मनकों पर पूर्णतः विफल है। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स का हाल बेहाल है।
इलाज तो दूर वहां कॉरिडोर (Corridor) में खड़ा होना मुश्किल है। वहां बिना पैरवी के इलाज नहीं हो पा रहा है। अनुमंडल और जिला अस्पताल की बात ही छोड़ दीजिए। सरकारी स्कूल को इन्होंने खिचड़ी स्कूल बना दिया है। पढ़ाई का स्तर शिक्षक न होने की वजह से गिरा है, जिसका असर वर्तमान और आने वाली पीढ़ी पर पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार की गलत नीतियों के चलते गरीब परिवार अपने हक के राशन से भी वंचित रह जा रहा है। तीन तीन महीने तक इनको राशन नहीं मिलता है।
आज कार्ड में एक भी नया नाम नहीं जोड़ा जा रहा है। जल जंगल जमीन की बात करने वाली यह सरकार वन पट्टा देने का वादा किया था लेकिन सरकार एक भी वन पट्टा बांट नहीं पाई।
राज्य के आंदोलन करने वाले लोग सड़क पर आंदोलन करने को मजबूर है। जिन्हें प्रदेश के अंदर सम्मान मिलना चाहिए आज वो सड़क पर है।
सरकार द्वारा जनता से किए चुनावी वादे कितने पूरे नहीं हुए इस पर एक Video जारी किया गया। इस वीडियो में सरकार ने जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए जो वादे किए गए थे उनकी जमीनी स्तर पर असलियत को दिखाया गया है।