रांचीः तमाम दावों के बावजूद रांची और चतरा इलाके में पड़ने वाली पिपरवार एनके एरिया के कोल डम्प से अबैध वसूली का धंधा बदस्तूर जारी है।
स्थानीय लोगों की मानें तो इस धंधे में लोकल प्रशासन के अलावा सफेदपोश नेताओं काे भी हिस्सा मिलता है, जिससे यह धंधा काफी फल-फूल रहा है।
वहीं, इस अवैध धंधे में वर्जस्व को लेकर खून-खराबा भी होता रहा है। पहले भी कई बार वर्चस्व को लेकर हत्याएं हो चुकी हैं।
इसके बावजूद अवैध धंधे का यह खूनी खूल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इन सबके पीछे एकमात्र वजह स्थानीय प्रशासन व सफेदपोश नेताओं के साथ अवैध धंधा करने वालों की मिलीभगत है।
सबका फिक्स है कमीशन
कोल डंप में अवैध वसूली की रकम में सीसीएल के अधिकारी से लेकर कांटा बाबू तक का कमीशन फिक्स है।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इन कोल डम्प से संचालन कामिटी को 150, सीसीएल के अधिकारी के नाम से 30, सेल्स ऑफिसर को 5 और कांटा बाबू के नाम से 5 रुपया की अबैध वसूली होती है।
पिपरवार एरिया के अशोका, चिरैया टॉड, एनके एरिया के पुरनाडीह और रोहिणी से अवैध वसूली का धंधा बड़े पैमाने पर हो रहा है।
टेरर फंडिंग का चलता है खेल
कोयला जगत में जमकर टेरर फंडिंग का खेल चलता आ रहा है। इसकी व्यवस्थित वसूली के लिए कमेटी तक बनी हुई है।
रंगदारी की वसूली के लिए वर्चस्व के खेल में लगातार खून भी बहता रहा है। कोयला से संबंधित विवाद में ही हाल में प्रेम सागर मुंडा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इससे पहले भीलगातार वर्चस्व की जंग में बहता रहा है खून
कोयला के कारोबार में उग्रवादी संगठन टीएसपीसी, माओवादियों के अलावा गैंगस्टर पांडे गिरोह और श्रीवास्तव गिरोह रंगदारी वसूली के लिए लगातार वर्चस्व की लड़ाई में अपराधिक घटनाओं को अंजाम देता रहा है।
इन अपराधियों और उग्रवादी संगठनों के हस्तक्षेप से ही कोयला का अवैध व्यापार जोरों से चल रहा है। सीसीएल प्रबंधन और पुलिस इस पर आंखें मूंदे रहता है।
फंडिंग मामले में अबतक 77 लोगों के खिलाफ केस दर्ज
पिपरवार कोलियरी क्षेत्र में उग्रवादी संगठन टीएसपीसी को फंडिंग करने के मामले में पुलिस ने 77 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया जा चूका है।
इनमें टीएसपीसी सुप्रीमो बृजेश गंझू, डिपो होल्डर और सीसीएल के करीब एक दर्जन कर्मचारी शामिल हैं।
पुलिस ने 16 सितंबर को जामडीह गांव से धनराज उर्फ मिट्ठू गंझू व एक अन्य को लेवी के 3.85 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किया था।
उनसे पूछताछ के बाद 77 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। इस मामले में एनआइए भी जांच चल रही है।