रांची: Jharkhand Assembly झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान गुरुवार को सदन में श्रम, उद्योग और उर्जा के अनुदान मांग पर चर्चा हुई।
गांडेय विधायक सरफराज अहमद ने कहा कि राज्य सरकार को बिजली बिल माफ करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने लोगों को बिजली नहीं दिया, लेकिन बिल जरूर थमा दिया।
सरफराज ने कहा कि जनता कोरोना वायरस के कारण पेरशान रही है। कई लोगों लोगों की नौकरियां चली गयी।
हेमंत सरकार को बिजली बिल माफ करने के विषय पर विचार करना चाहिए।
मजदूरों के लिए बहुत सारे नियम हैं, जो उनके लिये फायदेमंद हैं। लेकिन मजदूरों को इंश्योरेंस तक की जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि श्रम विभाग को श्रम मित्र बनाना चाहिए ताकि मजदूरों के लिए बनायी गयी योजनाओं की जानकारी उन तक पहुंचे।
रामचंद्र चंद्रवंशी ने बालू के मसले पर सरकार को घेरा
विधानसभा बजट सत्र के दौरान गुरुवार को दूसरी पाली में श्रम, उद्योग और उर्जा के अनुदान मांग पर चर्चा हुई। अनुदान मांग पर लाये गये कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान चंद्रवंशी ने बालू के मुद्दे पर सरकार को घेरा।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक दिन सैकड़ों ट्रक बालू उत्तर प्रदेश जाते हैं। यह खुलेआम कानून का उल्लंघन है।
जब ट्रकों को रोका जाता है, तो वे ऐसे लोगों का नाम लेते हैं, सदन के अंदर जिसका उल्लेख करना ठीक नहीं होगा।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने बुधवार को घोषणा की थी कि बालू की नीलामी प्रक्रिया अप्रैल में शुरू होगी।
साथ ही सवाल किया कि जब नीलामी हुई ही नहीं है, तो बालू की ढुलाई कैसे हो रही है।
विधायक नवीन जायसवाल ने स्थानीयता का मुद्दा उठाया
विधानसभा बजट सत्र के दौरान गुरुवार को सदन में विधायक नवीन जायसवाल ने स्थानीयता का मुद्दा उठाया।
श्रम, उद्योग और उर्जा के अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए जायसवाल ने कहा कि हेमंत सरकार ने निजी क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने का एलान किया है, लेकिन स्थानीय कौन है, फिलहाल इसकी परिभाषा तय नहीं है।
आरक्षण से पहले स्थानीयता स्पष्ट करनी होगी।
उन्होंने कहा कि सरकार को एक संकल्प पत्र जारी करके इस बात की व्याख्या करनी चाहिए कि स्थानीय कौन है।
सरकार में शामिल लोग स्थानीय की अलग-अलग परिभाषा बताते हैं।
सरकार को इसे स्पष्ट करना चाहिए ताकि जनता दिग्भ्रमित न हो। विधायक ने कहा कि सरकार ने दो लाख रुपये तक कृषि ऋण माफी की घोषणा की।
ऋण काफी के नाम पर किसानों के साथ छलावा किया जा रहा है।
जिन किसानों का नाम एनपीए में आ गया है, उनका कृषि ऋण माफ नहीं किया जा रहा है। यह सरकार की दोहरी नीति को दर्शाती है।
पारा शिक्षकों का मुद्दा गरमाया
Para Teacher कांग्रेस विधायक दीपिका पाण्डेय सिंह ने विधानसभा बजट सत्र के दौरान गुरुवार को श्रम, उद्योग और उर्जा विभाग के अनुदान पर चर्चा करते हुए कहा कि पारा शिक्षकों का आंदोलन ई मैनेजर्स का हो गया है।
दर्जनों विभागों में नौकरी की आस लिये झारखंड के युवा सड़कों पर संघर्ष करने के लिए मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि हाथी उड़ाने वालों ने युवाओं का ये हाल किया है। हेमंत सरकार युवाओं की सरकार है।
यह सरकार युवाओं को निराश नहीं करेगी। अनुदान मांग के समर्थन में दीपिका के भाषण के बीच भाजपा विधायकों ने जोरदार हंगामा किया।
भाजपा विधायक आरोप लगा रहे थे कि बुधवार को जब महिला सुरक्षा पर विधायक अपर्णा सेनगुप्ता बोल रही थीं तो दीपिका अवरोध पैदा कर रही थीं।
दीपिका के भाषण के दौरान हंगामा करने के बाद भाजपा की नाराज विधायक अपर्ण को स्पीकर ने वापस बुलाया।
वह नाराज होकर बाहर चली गयी थी। विधायक इरफान अंसारी, पूर्णिमा नीरज सिंह आदि उन्हें सदन के अंदर लेकर आये।