जिनेवा: विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीफ ने चेतावनी दी कि कोरोना महामारी का दूसरा साल बहुत ही ज्यादा घातक होने वाला है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा, महामारी का दूसरा साल पहले साल के मुकाबले बहुत ही जानलेवा होने की ओर बढ़ रहा है।
इसके साथ उन्होंने अमीर देशों से अपील की कि वे अभी बच्चों को वैक्सीन लगाने के बजाय कोवैक्स के लिए डोज दान करें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा,मैं समझ सकता हूं कि क्यों कुछ देश अपने यहां बच्चों और किशोरों को वैक्सीन देना चाहते हैं, लेकिन फिलहाल मैं उनसे इस पर पुनर्विचार करने और इसके बजाय कोवैक्स को वैक्सीन डोनेट करने की गुजारिश करता हूं।’
कोवैक्स फसिलटी कोरोना वैक्सीन को लेकर एक ग्लोबल कोलैबोरेशन है।
इसका मकसद वैक्सीन डिवेलपमेंट, प्रॉडक्शन और हर किसी तक इसकी पहुंच बनाने की है।
इस कोलैबोरेशन का नेतृत्व जीएवीआई की तरफ से किया जा रहा है।
जीएवीआई एपिडेमिक प्रिपेयर्डनेस इनोवेशन और डब्ल्यूएचओ का गठजोड़ है।
इस साल भारत कोरोना की बहुत ही खतरनाक दूसरी लहर से जूझ रहा है।
भारत में अभी तकरीबन उतने नए केस सामने आ रहे हैं जितना बाकी दुनिया में कुल मिलाकर नए केस आ रहे हैं।
अबतक 2 लाख 60 हजार से ज्यादा भारतीयों की कोरोना से मौत हो चुकी हैं।
इसी तरह जापान अभी कोरोना की भीषण चौथी लहर से जूझ रहा है और वहां ओलिंपिक से महज 10 हफ्ते पहले 3 क्षेत्रों में इमर्जेंसी लगानी पड़ी है।
अब वहां ओलिंपिक गेम्स को रद्द करने की मांग जोर पकड़ने लगी है।
कोरोना से अबतक दुनियाभर में कम से कम 33 लाख 47 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
अमेरिका में तेजी से वैक्सीनेशन के बाद वहां हालात तेजी से सुधरे हैं।
वहां के करीब 60 प्रतिशत वयस्कों को वैक्सीन की एक या दो डोज मिल चुकी हैं।
अमेरिका में गुरुवार से 12 से 15 साल के बच्चों को फाइजर की वैक्सीन लगनी शुरू भी हो चुकी है।
लेकिन दुनिया की इस महाशक्ति को ही कोरोना की सबसे ज्यादा मार सहनी पड़ी है।
अमेरिका में कोरोना से अबतक 5 लाख 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
अब अमेरिका में वैक्सीन लगवा चुके लोगों के लिए मास्क पहनने से जुड़ी गाइडलाइंस को वापस ले ली गई है। अमेरिका, कनाडा जैसे देशों ने वैक्सीन का इतना स्टॉक इकट्ठा कर रखा है जो उनकी पूरी आबादी को वैक्सीनेट करने के बाद भी बचा रहेगा।
इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन को चिंता सता रही है कि कहीं गरीब देशों में वैक्सीन की कमी से हालात एकदम से न बिगड़ जाए।
यही वजह है कि डब्लूएचओ चीफ कोवैक्स प्रोग्राम के लिए वैक्सीन डोनेट करने की गुजारिश कर रहे हैं।