रांची: झारखंड विधानसभा बजट सत्र के दौरान सोमवार को विधायक सरयू राय ने सरकार से पूछा है कि सरकार बताये कि बैद्यनाथ प्रसाद कौन है।
जिन पर 2015 से 2019 के बीच झारखंड पुलिस की विशेष शाखा से अनाधिकृत गतिविधियां संचालित करने का आरोप है। इन्हें हर तरह की सरकारी सुविधाएं उपलबध करायी जाती रही है।
उन्होंने कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि विशेष शाक्षा के आवास पर कोई गैर सरकारी व्यक्ति आवासित हो जाये।
इस पर मंत्री रामेश्वर उरांव ने जवाब देते हुए कहा कि दो महीने में जांच कर सरकार बतायेगी कि वह व्यक्ति कौन था।
इस पर राय ने कहा कि व्यक्ति का नाम बैद्यनाथ प्रसाद है, जिसे डीएसपी सहित तीन बॉडीगार्ड मुहैया कराया गया था।
सभी के बयान दर्ज हैं। सरयू ने कहा कि सरकार ने जवाब में माना है कि विशेष शाखा को दो आवास आवंटित था।
एक में एक गैर सरकारी व्यक्ति रह रहा था। साथ ही सरकार की ओर से कहा गया कि किसी तरह के अनाधिकृत गतिविधियों के संचालन का प्रमाण नहीं मिले हैं।
साथ ही माना है कि सरकारी सुविधा के उपयोग तथ्य मिले हैं। जिसकी जांच की जा रही है।
राय ने कहा कि अगर पुलिस अवैध गतिविधि चलायेगी, तो प्रदेश की जनता का भरोसा सरकार पर से उठ जायेगा।
इसका असर सरकार की प्रतिष्ठा पर पड़ता है।
राय ने मांग की कि इस मामले की जांच पुलिस विभाग से बाहर के लोगों से करायी जाये। पुलिस विभाग से जांच कराने पर सही रिपोर्ट की उम्मीद कम है।