Ranchi Vijay Arya and Anand Paswan: भाकपा माओवादी का केंद्रीय समिति सदस्य विजय आर्य (Vijay Arya) संगठन को मजबूत करने में जुटा था। वह भाकपा माओवादी संगठन के पूर्व कैडर को भी जोड़ रहा था। यह खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में हुआ है।
NIA ने रांची की विशेष अदालत के समक्ष दो नक्सलियों विजय कुमार आर्य और आनंद पासवान के खिलाफ मंगलवार को दूसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की है।
जांच से पता चला है कि विजय कुमार आर्य भाकपा माओवादी का केंद्रीय समिति सदस्य था जबकि आनंद पासवान प्रतिबंधित संगठन का एक प्रमुख समर्थक और पूर्व कैडर था।
विजय को पूर्व कैडरों को प्रेरित करने में शामिल पाया गया था। विजय संगठन के कार्यकर्ताओं और झारखंड-बिहार में माओवादी के मगध क्षेत्र के अन्य हितधारकों के बीच एक माध्यम के रूप में भी काम कर रहा था।
बिहार के गया का रहने वाला है विजय आर्य
आनंदी पासवान बीते 23 जून को गिरफ्तार हुआ था जबकि विजय कुमार आर्य को बिहार पुलिस ने रोहतास थाना क्षेत्र से 14 अप्रैल, 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह पटना के बेउर जेल में बंद था।
उल्लेखनीय है कि हजारीबाग पुलिस ने 20 अगस्त, 2021 को प्रद्युम्न शर्मा को गिरफ्तार किया था। इसके बाद इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए 30 दिसंबर, 2021 को NIA की रांची ब्रांच ने इस केस को टेकओवर कर लिया था। जांच के क्रम में ही NIA को यह जानकारी मिली कि विजय आर्य टेरर फंडिंग का पैसा प्रद्युम्न शर्मा और उसके सहयोगियों तक पहुंचता था।
साल 2018 में जेल से रिहा होने के बाद टॉप नक्सली कमांडर (Top Naxalite Commander) में से एक विजय आर्या को झारखंड और बिहार के कई इलाकों में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी।
माओवादियों के चाल्हो सब जोन (गया, औरंगाबाद और पलामू का इलाका) को एक्टिवेट करने की जिम्मेदारी उसे मिली थी। इस जोन में माओवादी 2005 के बाद बेहद कमजोर हो गये थे। विजय आर्य बिहार के गया का रहने वाला है।