न्यूज़ अरोमा रांची: झारखंड लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र प्रधान से दो करोड़ की रंगदारी मांगे जाने वाले मामले में शनिवार को पीएलएफआई ने इंकार किया है।
पीएलएफआई के सुप्रीमो दिनेश गोप ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि वीरेंद्र प्रधान से किसी भी प्रकार की रंगदारी की मांग संगठन की ओर से नहीं की गई है।
दिनेश गोप ने प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है कि उनके संगठन के नाम पर जिस व्यक्ति के द्वारा वीरेंद्र प्रधान से रंगदारी मांगी गई है उसकी जांच संगठन भी अपने स्तर से कर रहा है।
प्रेस विज्ञप्ति में आईएमए के सचिव डॉक्टर शंभू प्रसाद से भी संगठन ने रंगदारी की मांग नहीं की थी। पुलिस जांच में इस बात का खुलासा भी हुआ उस मामले में भी कई लोग पुलिस के द्वारा पकड़े गए थे, जिनका संगठन से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं था।
गोप ने विज्ञप्ति के माध्यम से कहा है कि ऐसा कोई चोर, डाकू लोग होंगे, जिसने रंगदारी की मांग की है। विशाल नाम का कोई भी व्यक्ति संगठन में नहीं है।
उल्लेखनीय है कि वीरेंद्र प्रधान के तुपुदाना ओपी स्थित बंद पड़ी फैक्ट्री के गेट पर पर्चा चिपका कर लिखा गया था कि संगठन की ओर से कई बार फरमान जारी कर दो करोड़ रुपए के लिए कहा गया ।
तुमने इस पर ध्यान नहीं दिया। तुमने पुलिस को खबर किया देखता हूं कि पुलिस कितने दिन तुम्हें बचाती है। अब संगठन की ओर से तुम्हें मौत का फरमान सुनाया गया है।
अब संगठन की ओर से फौजी कार्रवाई की जाएगी। इस पोस्टर में निवेदक के रूप में विशाल जी का नाम लिखा गया था। इस पोस्टर के बाद वीरेंद्र प्रधान ने तुपुदाना ओपी में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
इस संबंध में ग्रामीण एसपी नौशाद आलम से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि फिलहाल पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है।