रांची: झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन मंगलवार को भी झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) और भाषा विवाद को लेकर विपक्ष ने प्रदर्शन किया।
विपक्ष के विधायकों ने इस मामले को लेकर विधानसभा के द्वार पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ नारेबाजी की। विपक्ष लगातार जेपीएससी परीक्षा की सीबीआई जांच कराने की मांग कर रहा है।
विपक्षी विधायकों का कहना है कि झारखंड में लाखों लोग अंगिका, भोजपुरी, मगही और हिंदी बोलने वाले हैं लेकिन हेमंत सरकार एक सोची समझी साजिश के तहत इन भाषाओं के छात्रों को उनके मौलिक अधिकार से वंचित कर रही हैं।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्य वेल में आकर हंगामा करने लगे। विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्रनाथ महतो के बार बार समझने के बाद भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।
स्पीकर ने कहा कि जिस विषय को लेकर विधायक वेल में हैं, उस पर सोमवार को ही मुख्यमंत्री ने जवाब दे दिया है। ऐसे में हंगामा कर सदन को बाधित करना उचित नहीं है।
स्पीकर ने कहा कि सदन जनता की समस्याओं के समाधान की सर्वोच्च पंचायत है। जब सदन में जनता के सवाल ही नहीं आएंगे तो इसका मूल औचित्य ही नहीं बचता है।