रांची: झारखंड के पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार ने इंजीनियरों को निर्देश दिया है कि राज्य के सभी जिला मुख्यालयों में रिंग रोड और बाईपास के निर्माण की योजना है। उसका प्रस्ताव तैयार करके विभाग को दिया जाये।
सचिव ने यह स्पष्ट किया है जो भी बाइपास और रिंग रोड का निर्माण किया जायेगा। वह पूरी तरह ग्रीनफील्ड प्रोजेक्ट होगा।
ऐसे में इसी के अनुसार काम का प्रस्ताव बनायें ताकि कम से कम जमीन अधिग्रहण की जरूरत पड़े। इस संबंध में राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी पथ निर्माण विभाग को निर्देश दिये हैं।
सचिव ने शुक्रवार को कहा कि नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और एनएच विंग की ओर से रिंग रोड,बाइपास का निर्माण नहीं कराया जा सकेगा।
वहां पथ प्रमंडल के जरिये कार्य कराया जाये। सचिव ने इसके लिए केंद्रीय निरूपण संगठन को इसके लिए आवश्यकता अनुसार परामर्शी नियुक्त करने का निर्देश दिया है।
सभी कार्यपालक अभियंताओं,पथ प्रमंडल,अग्रिम योजना अंचल,केंद्रीय निरूपण संगठन को इस के लिए समन्वय करके काम करने को कहा है।
सचिव ने केंद्रीय निरूपण संगठन एवं अग्रिम योजना इस कार्य के लिए विभिन्न जिला और अनुमंडलों में टीम भेजने को भी कहा है।
इससे बाइपास,रिंग रोड के अतिरिक्त रोड कनेक्टेविटी के उन्नयन का भी प्रस्ताव का अध्ययन करके देने को कहा गया है ताकि रोड कनेक्टेविटी को भी बढ़ोत्तरी किया जा सके।
बताया गया कि गुमला बाइपास-12.84 किमी, दुमका बाइपास-25 किमी, पाकुड़ बाइपास-15 किमी, बरहरवा बाइपास-10 किमी
हजारीबाग-18,चक्रधरपुर-16,चाइबासा-19,बेड़ो-6,भंडरा-10,हंटरगंज-6,
जोरी-8,सिमरिया-8,लोहरदगा-5, चतरा-20 इन बाइपास निर्माण के लिए डीपीआर तैयार हो रहा है। कुछ का डीपीआर निर्माण अंतिम चरण में हैं। गुमला बाइपास का निर्माण अंतिम चरण में हैं। यह बाइपास एनएच विंग की ओर से बनाये जाने हैं।