रांची: PM कुसुम योजना (PM Kusum Yojana) का मुख्य उद्देश्य कृषि क्षेत्र को ऊर्जा और पानी के सुरक्षा की गारंटी (Energy and Water Security Guaranteed) देना है। किसानों की कृषि अच्छे से हो। उनकी आय में बढ़ोतरी हो।
पर्यावरण प्रदूषण से बचा जा सके। इस उद्देश्य से PM कुसुम योजना यानी प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (Farmer Energy Security and Upliftment Campaign) की शुरुआत की गई है। यह जानकारी केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने लोकसभा में शनिवार को दी।
उनकी आय में बढ़ोतरी हो
लोकसभा में रांची के सांसद संजय सेठ ने नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से संबंधित सवाल पूछा था। संजय सेठ (Sanjay Seth) के सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि PM कुसुम योजना के तहत विशेष रूप से कृषि क्षेत्र को ऊर्जा और सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
सौर ऊर्जा के माध्यम से किसानों को सिंचाई का लाभ मिल सके। उनकी खेती प्रदूषण से बच सके। उनकी पैदावार ज्यादा हो। उनकी आय में बढ़ोतरी हो।
इन्हीं सब सोच के साथ इस योजना को लाया गया है। इसके तहत देशभर में 35 लाख से अधिक सिंचाई परियोजनाओं को क्रियान्वित किए जाने की तैयारी चल रही है। युद्ध स्तर पर इस क्षेत्र में काम भी हो रहे हैं।
15 हॉर्स पावर तक किया गया
केंद्रीय मंत्री ने लोकसभा में बताया कि झारखंड में इस परियोजना के तहत 36717 योजनाओं की स्वीकृति दी गई है, जिसमें 12844 स्थानों पर सौर ऊर्जा से सिंचाई की व्यवस्था कर ली गई है।
विगत चार वर्षों में झारखंड को इस मद में अब तक 36 करोड रुपये की राशि भी दी जा चुकी है। PM कुसुम योजना मार्च 2026 तक संचालित की जाएगी। पूर्व में 7.5 हॉर्स पावर (Horse Power) तक के मोटर और मशीन लगाने की व्यवस्था थी लेकिन इसे बढ़ाकर अब 15 हॉर्स पावर तक किया गया है।