6 Arrested in Anupam Kachhap Murder Case: रांची पुलिस ने कांके थाना क्षेत्र के संग्रामपुर गांव के समीप स्पेशल ब्रांच (Special Branch) के दारोगा अनुपम कच्छप हत्याकांड (Anupam Kachhap Murder Case) का खुलासा करते हुए छह अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार अपराधियों में मनोहर कुमार सिंह उर्फ भोला सिंह, संजय सिंह, गौतम यादव, सुग्रीम सिंह, अभिषेक महतो और राजेंद्र महतो शामिल हैं।
राजेंद्र महतो पहले से दूसरे मामले में गिरफ्तार है। पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। मामले में विनोद महतो फरार है। इनके पास से चार मोबाईल, 7.65 बोर का एक पिस्टल, दो जिंदा गोली, एक बोलेरो पिकअप वैन बरामद किया गया है।
SSP चंदन कुमार सिन्हा (SSP Chandan Kumar Sinha) ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि गत 02 अगस्त की रात कांके थानान्तर्गत रिंग रोड में INDIA होटल से मोटरसाईकिल पर सवार होकर नेवरी की ओर जाने के क्रम में संग्रामपुर गांव के पास त्रिदेव होटल से 200 मीटर की दूरी पर अज्ञात अपराधियों ने स्पेशल ब्रांच के सब इंस्पेक्टर अनुपम कुमार कच्छप की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले को लेकर मृतक की भाभी रोमा तिर्की ने कांके थाना अज्ञात अपराधियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था।
थाना प्रभारी सहित 40 सदस्यीय दल का गठन किया गया
SSP ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण SP सुमित अग्रवाल के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया गया। SIT टीम में DSP अमर पांडेय सहित कांके थाना प्रभारी के अतिरिक्त जिला के विभिन्न थाना प्रभारी सहित 40 सदस्यीय दल का गठन किया गया।
SP ने बताया कि प्रारंभिक अनुसंधान के दौरान FSL की टीम के जरिये घटनास्थल की फोटोग्राफी, विडियोग्राफी एवं साक्ष्य संकलन किया गया। मृतक के साथ बर्थ डे पार्टी में शामिल 13 संदिग्ध से गहनापूर्वक पूछताछ किया गया, लेकिन कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका।
SSP ने बताया कि पूर्व में मृतक के जरिये उत्पाद विभाग के तहत हजारीबाग जिला में तथा विशेष शाखा में कार्यरत रहने के दौरान अवैध शराब कारोबारी के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई और छापामारी करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा किया गया था, जिस संदर्भ में अवैध शराब कारोबारी की भूमिका पर साक्ष्य संकलन करने का प्रयास किया गया। इसके अतिरिक्त जिले के विभिन्न थानों में हत्या, लूट, डकैती, शस्त्र अधिनियम के संगठित गिरोह के आरोप-पत्रित अपराधकर्मियों की भूमिका के संबंध में भी गहनतापूर्वक अनुसंधान किया गया, लेकिन साक्ष्य प्राप्त नहीं हो सका।
SSP ने बताया कि SIT को अनुसंधान के दौरान रिंग रोड में रात के अंधेरे में पेट्रोल टंकी, होटल ढावा एवं सुनसान स्थलों पर खड़े भारी वाहनों से रात्रि के अंधेरा का लाभ उठाकर डीजल चोरी करने से संबंधित घटना मिली।
इसके बाद डीजल चोर के संगठित अपराधिक गिरोह के जरिये हत्या की घटना कारित किये जाने की प्रबल संभावना के आधार पर पूर्व में घटित डीजल चोरी करने वाले गिरोह एवं आरोप-पत्रित आरोपितों का सत्यापन करने का कार्य प्रारंभ किया गया। SIT टीम के जरिये मामले का गहन अनुसंधान के क्रम में डीजल चोरी के आरोप पत्रित अपराधियों एवं उक्त गिरोह में शामिल सदस्यों का सत्यापन करते हुए पूछताछ किया गया। सत्यापन के कम में प्राप्त साक्ष्य के आधार पर संजय सिंह को गिरफ्तार किया गया।
आरोपित संजय सिंह ने स्वीकारोक्ति बयान में बताया कि डीजल चोरी गिरोह भोला सिंह, सुग्रीव सिंह, गौतम, राजेश महतो उर्फ विनोद, संतोष गुझू, गोविन्द महतो बोलरो पिकअप वाहन के साथ घटना की रात डीजल चोरी करने के लिए अमर होटल, संग्रामपुर, कांके के ऑपोजिट एक ट्रक एवं टैंकर खड़ा था, उक्त दोनों गाड़ी के ड्राईवर सो रहे थे।
संजय सिंह के साथ सुग्रीव सिंह एवं गोविन्द महतो उक्त गाड़ी से 03 डब्बा डीजल चोरी कर लेकर आये और सुग्रीम सिंह फिर डीजल लाने के लिए खड़ा टैंकर के पास गये तो इसी बीच बरसाती पहना हुआ एक व्यक्ति (सब इंस्पेक्टर अनुपम) कांके से बीआईटी के तरफ से अपनी बाइक से जा रहे थे तथा इनलोगों को देखकर रूक गये और डीजल चोरी करने की बात कहते हुए चोर-चोर की आवाज लगाने लगे, जिससे उनका डीजल चोरी के अपराधियों से संघर्ष हो गया।
SIT ने इस ब्लाइंड मर्डर केस की गुत्थी को सुलझा लिया
इसी दौरान इस बात कि सूचना रेकी कर रहे अन्य अपराधकर्मियों को हुई। एक व्यक्ति जो अपने आपको पुलिस पदाधिकारी बता रहा है, उसने हमलोगों को डीजल चोरी करते हुए देख लिया है।
इनलोगों को डीजल चोरी गैंग का भंडाफोड़ होने की आशंका होने लगी इसके बाद गिरोह में शामिल छह अपराधियों ने हथियार को अनुपम कच्छप के शरीर में सटाकर 04 गोली मार दी, जिससे अनुपम कच्छप की घटनास्थल पर ही मृत्यु हो गयी। इसके बाद इनलोगों ने पिकअप वैन में अन्य साथी के साथ रिंग रोड में BIT, नेवरी की ओर भाग गये और वहीं खड़े ट्रक से 04 गैलन डीजल चोरी किये। इसके बाद सुकुरहुटू रिंग रोड के पास अभिषेक महतो के दुकान में बेच दिये।
बाद में अपराधियों को पता चला कि बीते रात्रि में इनलोगों के द्वारा गोली मार कर जिस व्यक्ति की हत्या की गई थी, वह एक पुलिस पदाधिकारी है। पुलिस की बढ़ती दबिश को देखकर अपराधियों का गिरोह अंडरग्राउंड हो गए।
SSP ने बताया कि इसी बीच 10 नवंबर को पुलिस को अहम सुराग मिलने पर संजय सिंह एवं सुग्रीम सिंह को पकड़ लिया गया। इन दोनों के निशानदेही में इस घटना में शामिल अन्य अपराधियों की गिरफ्तारी की गई है। SSP ने बताया कि SIT ने इस ब्लाइंड मर्डर केस (Blind Murder Case) की गुत्थी को सुलझा लिया है।