रांची: दारोगा लालजी यादव मौत मामले की जांच कर रही अपराध अनुसंधान विभाग (CID)ने अपनी प्रारंभिक जांच पूरी कर ली है।
सीआईडी की प्राथमिक जांच में आए तथ्यों के आधार पर पूरा मामला खुदकुशी का माना गया है।
सूत्रों ने बताया कि सीआईडी की जांच में झारखंड पुलिस के 2012 बैच के दारोगा लालजी यादव के तनाव में होने की बात सामने आई है।
पूरे मामले में सीआईडी के डीएसपी जेपीएन चौधरी के नेतृत्व में टीम ने जांच की है। जांच रिपोर्ट सोमवार को पुलिस मुख्यालय को सौंपी जाएगी।
सीआईडी सूत्रों के अनुसार जांच में लालजी यादव के खुदकुशी के पीछे तीन मुख्य वजह सामने आई है।
जांच में यह बात भी सामने आई है कि लालजी यादव का सीधा विवाद डीटीओ से नहीं हुआ था, बल्कि थाने आए परिवहन विभाग के एक कर्मचारी से हुआ था, जो डीटीओ का अधीनस्थ था।
रांची के बुढ़मू थाना से मालखाने का चार्ज से लंबित होने के कारण लालजी यादव को दो साल से अधिक वक्त से वेतन नहीं मिल रहा था।
ऐसे में लालजी यादव वेतन को लेकर तनाव में थे, इसी दौरान पलामू डीटीओ की शिकायत पर थाने से निलंबित किए जाने के कारण लालजी यादव का तनाव बढ़ गया था।
निलंबन के बाद लालजी यादव ने बुढ़मू थाने आकर मालखाने का प्रभार देने की कोशिश की थी, लेकिन इस दौरान भी कुछ सामान गायब मिले।
ऐसे में लालजी यादव के वेतन निकासी का मामला फंस गया।सीआईडी के अधिकारियों के अनुसार पूरे मामले में विस्तृत जांच जरूरी है।
दूसरी ओर परिवार के लोगों ने आला अधिकारियों पर भी प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं। ऐसे में मोबाइल की सीडीआर सहित अन्य पहलुओं पर भी जांच होने के बाद मामला स्पष्ट हो पाएगा।
उल्लेखनीय है कि थाने से निलंबन के चार दिनों के बाद नावाबाजार के थानेदार रहे लालजी यादव ने थाने में ही खुदकुशी कर ली थी। इस मामले में सीआईडी पुलिस मुख्यालय के आदेश पर सीआईडी जांच कर रही है।
बताया जा रहा है कि हालांकि अभी तक आधिकारिक रूप से सीआईडी ने अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को नहीं सौंपी है।
लेकिन कहा जा रहा है जल्द सीआईडी दारोगा लालजी यादव मौत मामले की प्राथमिक जांच रिपोर्ट मुख्यालय को सौंप देगी।