रांची: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की बैठक रविवार को करम टोली स्थित आईएमए भवन में हुई।
बैठक में कई बिंदुओं पर चर्चा हुई। बैठक में सरकार के द्वारा बिना स्टेकहोल्डर से बात किए हुए एक तरफा आरटीपीसीआर-रैपिड एंटीजन किट जांच की मूल्यों में किये गए बदलाव का विरोध किया गया।
बैठक के संबंध में आईएमए के डॉ अजीत कुमार ने बताया कि प्राइवेट लैब संचालकों ने यह बोला कि हमारी जो लागत है वह 400 रुपये से ज्यादा है (फॉर आरटीपीसीआर)।
ऐसी स्थिति में 300 रुपये में जांच करना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि बैठक में यह निर्णय हुआ कि स्वास्थ्य मंत्री एवं स्वास्थ्य सचिव से मिलकर आईएमए के नेतृत्व में संचालक अपनी बातों को रखेंगे और न्याय करने की गुहार लगाएंगे।
इसके अलावा डॉ नीलिमा लातेहार की जो चिकित्सक है, उनके अपहरणकर्ताओं को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग की गई।
इस पर वूमेंस डॉक्टर्स विंग की अध्यक्ष डॉ भारती कश्यप ने बताया कि आईएमए का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्य के डीजीपी से मिलकर जल्द अपहरणकर्ताओं की गिरफ्तारी की मांग करेगा।
साथ ही कोविड-19 में काम करते हुए शहीद प्राइवेट और सरकारी डॉक्टरों को उचित मुआवजा दिलाने की मांग की गई।
उन्होंने कहा कि देखा जा रहा है कि हमारे कोरोना योद्धाओं के देहांत के बाद सरकार की तरफ से किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं दी गई है।
इससे की चिकित्सा बिरादरी, अपने आपको हतोत्साहित और ठगा हुआ महसूस कर रहा हैं।
इसलिए राज्य आईएमए और रांची आईएमए ने यह निर्णय लिया है कि स्वास्थ्य मंत्री से मिलकर शहीदों के परिजनों को मुआवजा जल्द से जल्द देने की मांग की जाएगी।
इससे भविष्य में कभी भी जरूरत पड़ने पर चिकित्सक अपना 100 प्रतिशत परसेंट देने से पीछे नहीं हटेंगे।
बैठक में डॉ प्रदीप कुमार सिंह, डॉ बीपी कश्यप, डॉ आरएस दास, डॉ बिमलेश सिंह, डॉ शंभू प्रसाद सिंह, डॉ राजेश कुमार आदि उपस्थित थे।