रांची: सहायक पुलिसकर्मियों का मोरहाबादी मैदान में अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 24वें दिन भी धरना प्रदर्शन जारी रहा। पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने बुधवार को मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों से मुलाकात की।
इस दौरान सहायक पुलिसकर्मियों ने दास को एक ज्ञापन सौंपा और अपनी मांगे रखी। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने पिछले वर्ष जो वादा किया था, उसे भी पूरा नहीं कर रही है।
दास ने कहा कि झारखंड सरकार को उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने सहायक पुलिसकर्मियों के साथ सांकेतिक रूप से अनशन पर बैठे।
इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इन आंदोलनरत कर्मियों की मांगों पर विचार करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने उनकी मांग को जायज बताते हुए कहा कि हेमंत सरकार इन पुलिसकर्मियों की मांग को जल्द पूरा करे।
उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर सहायक पुलिसकर्मियों की हालात से रूबरू कराए हैं और इनकी समस्याओं को जल्द से जल्द निष्पादन करने का आग्रह भी किया हूं ।
रघुवर दास ने कहा कि यदि सरकार एक सप्ताह के अंदर इन सहायक पुलिसकर्मियों की मांग को पूरा नहीं करती है तो हम लोग भी इन सहायक पुलिसकर्मियों के साथ आंदोलन करेंगे।
रघुवर दास ने बताया कि पत्र के माध्यम से उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि दुर्भाग्य की बात है कि ये सहायक पुलिसकर्मी जो स्थानीय आदिवासी-मूलवासी ही हैं, अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ पिछले 24 दिनों से अपने जीवकोपार्जन के लिए रांची में विषम परिस्थितियों में नवरात्र-दुर्गा पूजा के बीच आंदोलनरत हैं।
इनकी स्थिति नाजूक हो गयी है। आंदोलन के कारण इनके बच्चों की पढ़ाई भी छूट गयी है। चार पुलिसकर्मी की मौत हो चुकी है और विगत दिनों में एक और महिला सहायक पुलिसकर्मी जो गुमला की रहनेवाली थी,की भी मौत हो गयी है।
अनुरोध है कि कृपया इन सहायक पुलिसकर्मियों की उचित मांगों पर संवेदनशीलता के साथ सरकार विचार करें।
दूसरी ओर सहायक पुलिसकर्मियों ने कहा कि सत्ता में बैठे पक्ष या विपक्ष राजनीति करे । लेकिन हमारी मांगों को लेकर कोई भी दल राजनीति ना करें। हमारी समस्याओं को सुने और जल्द से जल्द हमारी समस्याओं का समाधान करें।
सहायक पुलिस कर्मियों का कहना है कि जब तक इनकी मांगें पूरी नहीं होती है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उल्लेखनीय है कि झारखंड के 12 जिलों में संविदा पर बहाल 2200 सहायक पुलिसकर्मी
अपनी मांगों को लेकर मोरहाबादी मैदान में अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ हुए है। मौके पर सहायक पुलिसकर्मी की ओर से विवेकानंद ने बताया कि हमारी प्रमुख मांगो में सहायक पुलिस कर्मियों को झारखंड पुलिस में समायोजित करने, पुलिस की तरह अवकाश देने और वेतनमान में वृद्धि करना शामिल है।
मालूम हो कि नक्सल प्रभावित जिलों में संविदा पर 2200 सहायक पुलिसककर्मी को बहाल किया गया था।
संविदा पर बहाल हुए पुलिसकर्मियों की मांग नहीं माने जाने से नाराज सहायक पुलिस कर्मी 27 सितंबर से धरना पर बैठे हैं। जबकि पिछले साल 12 सितंबर 2020 से 23 सितंबर 2020 तक मोरहाबादी मैदान में आंदोलन किया था।